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महाव्रतों का पालन कोई तमाशा नहीं : कटारिया

09:08 AM Sep 02, 2024 IST
पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया रविवार को अणुव्रत ग्राउंड सेक्टर 24 में संबोधित करते हुए। हप्र

मनीमाजरा (चंडीगढ़), 1 सितंबर (हप्र)
पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व नवाहिक कार्यक्रम की शुरुआत में रविवार से पंजाब के चारों समाज को एक ही मंच पर एकत्रित कर तेरापंथी सभा और अणुव्रत समिति ने एक नयी सोच व एक मंच तैयार किया है। यह मेरे लिए बेहद खुशी की बात है। मैं आज अपने आपको इस कार्यक्रम में पाकर खुशनसीब समझ रहा हूं जो मुझे मनीषी संत का सान्निध्य मिल रहा है। ये शब्द पंजाब के राज्यपाल व चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने रविवार को अणुव्रत ग्राउंड सेक्टर 24 सी में लोगों को संबोधित करते हुए कहे। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय गान और प्रज्ञा जैन द्वारा राज्यपाल व उनकी पत्नी अनीता कटारिया के अभिनंदन के लिए मनीषी संत द्वारा लिखे गीत की पंक्तियां प्रस्तुत करते हुए की। कार्यक्रम का संयोजन अणुव्रत समिति के अध्यक्ष मनोज जैन ने किया।
इस मौके पर कटारिया ने कहा कि जैन धर्म का इतिहास बेहद पुराना है। जैन दर्शन में खास बात है कि सब प्रकार की सुविधाएं होने के बावजूद लोग झोला लेकर चल पड़ते हैं। कोई न कोई चमत्कार तो इस दर्शन में है। उन्होंने कहा चातुमार्स में राष्ट्र में सैंकड़ों-हजारों चतुमार्स हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि पांच महाव्रत का पालन करना कोई तमाशा नहीं है। इसमें किसी व्यक्ति विशेष की पूजा नहीं है। जो भी देश में अरिहंत हो गये, उसके लिए नवकार है।
मनीषी संत ने अपने प्रवचन में कहा कि पर्युषण महापर्व जैन धर्म के लोगों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण पर्व है।

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