नर्सिंग छात्रों ने जाना, आपातकालीन स्थितियों से कैसे निपटें
चंडीगढ़, 28 जुलाई (ट्रिन्यू)
पीजीआईएमईआर ने नर्सिंग छात्रों और तकनीशियनों के लिए तत्काल ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट पर एक कार्यशाला की मेजबानी की, जिसमें प्रतिभागियों को ट्रॉमा देखभाल में आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। सोसाइटी ऑफ ट्रॉमा एनेस्थीसिया एंड क्रिटिकल सपोर्ट (एसटीएसीसी) के तत्वावधान में आयोजित यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम ट्रॉमा देखभाल शिक्षा और अभ्यास को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य अचानक आए गंभीर मामलों से निपटने में चिकित्सा पेशेवरों के कौशल और तत्परता को बढ़ाना है।
इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पीजीआईएमईआर के चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर विपिन कौशल और सम्मानित अतिथि के रूप में न्यूरो सर्जरी विभाग की प्रोफेसर राजेश छाबड़ा की उपस्थिति रही। प्रोफेसर छाबड़ा ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से प्राप्त व्यावहारिक अनुभव अमूल्य है। यह न केवल हमारे प्रतिभागियों के व्यावहारिक कौशल को मजबूत करता है बल्कि वास्तविक जीवन में आपातकालीन स्थिति के दौरान प्रबंधन में उनके आत्मविश्वास को भी बढ़ाता है।
कार्यशाला की आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर काजल जैन ने कहा कि छात्रों और तकनीशियनों के लिए ट्रॉमा लाइफ सपोर्ट में व्यावहारिक प्रशिक्षण अपरिहार्य है। इससे उनका कौशल बढ़ेगा। नाइन की प्रिंसिपल डॉ. सुखपाल कौर ने अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस कार्यशाला की सफलता से रोमांचित हैं। यह हमारे नर्सिंग छात्रों को शीर्ष स्तर की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि वे आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।