वीआईपी सुरक्षा से हटेंगे एनएसजी कमांडो
नयी दिल्ली, 16 अक्तूबर (एजेंसी)
केंद्र सरकार ने वीआईपी सुरक्षा से आतंकवाद निरोधी कमांडो बल एनएसजी को पूरी तरह हटाने और 'अत्यंत जोखिम' वाले नौ अति महत्वपूर्ण लोगों (वीआईपी) की सुरक्षा अगले महीने तक सीआरपीएफ को सौंपने का आदेश दिया है। गृह मंत्रालय ने विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों की एक नयी बटालियन को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वीआईपी सुरक्षा प्रकोष्ठ के साथ जोड़ने की स्वीकृति भी दी है। इस बटालियन को हाल में संसद सुरक्षा से हटाया गया था। सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के ‘ब्लैक कैट' कमांडो द्वारा संरक्षित ‘जेड प्लस' श्रेणी के नौ वीआईपी लोगों में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा अध्यक्ष मायावती, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, भाजपा नेता और छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और डीपीएपी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू हैं, जिन्हें अब सीआरपीएफ का सुरक्षा घेरा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह हस्तांतरण एक महीने के भीतर पूरा होने की संभावना है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सीआरपीएफ में अब एक नयी बटालियन वह होगी जो कुछ महीने पहले तक संसद की सुरक्षा में लगी थी। अधिकारी ने बताया कि संसद में पिछले साल सुरक्षा में चूक का मामला सामने आने के बाद संसद की सुरक्षा सीआरपीएफ से सीआईएसएफ को सौंप दी गई थी।