अब हुनर दिखाने के भरपूर मौके
नरेन्द्र जेठी
कनीकी तरक्की के साथ मनोरंजन के नये-नये साधन सामने आते रहे। रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा, मंच ऑडियो कैसेटस, सी.डी., डी.वी.डी. और अब यू-ट्यूब का जमाना आ गया है। अब अपनी कला के प्रदर्शन का मौका पाने के लिए दिल्ली-मुम्बई में जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे अपना यू-ट्यूब और इंस्टाग्राम चैनल बनाकर अपनी कला दुनिया के सामने ला सकता है । आज अपनी कला दिखाने के भरपूर मौके हैं जिनमें शोहरत के साथ कमाई भी खूब है।
फिल्मी कलाकारों की मीमिक्री का हुनर
हरियाणा के नरवाना कस्बे में जन्में देवेन्द्र शर्मा के यू-ट्यूब पर मौजूद कॉमेडी प्रोग्राम इसी की मिसाल हैं। 1998 से देवेन्द्र ने दिल्ली आकाशवाणी, रोहतक आकाशवाणी, कुरुक्षेत्र एफ.एम., हिसार एफ.एम व आकाशवाणी से अपने मीमिक्री के प्रोग्राम दिए। वे लगभग 50 फिल्मी कलाकारों की हू-ब-हू आवाज निकालते हैं। देवेन्द्र शर्मा हरियाणा में बेस्ट कॉमेडियन के अवार्ड से भी सम्मानित हो चुके हैं। जिनका मानना है कि पहले कलाकारों का शोषण होता था लेकिन आज सोशल मीडिया के आने से कलाकार अपने नए-नए आइडियाज के साथ सामने आ रहे हैं। यू-ट्यूबर कलाकार कमाई भी खूब कर रहे हैं।
शार्ट फिल्मों पर काम
देवेन्द्र लगभग 100 से ज्यादा हरियाणवी, हिन्दी, भोजपुरी और राजस्थानी सी.डी., फिल्मों एवं म्यूजिक एलबमों में निर्देशन एवं अभिनय कर चुके हैं। इनमें हरियाणवी में ‘गंजे चले बम्बई’ और राजस्थानी में ‘मां की ममता’ सी.डी. फिल्में प्रमुख हैं। उनकी फिल्में और म्यूजिक एलबम यू-ट्यूब पर भी उपलब्ध हैं। इन दिनों देवेन्द्र शार्ट फिल्मों पर काम कर रहे हैं तो राष्ट्रीय स्तर पर अपराध और जेलों के अन्दर की जिन्दगी के बारे में सकारात्मक व मोटिवेशनल फिल्म ‘’अपराध बोध’’ बनाने जा रहे हैं। इनकी सी.डी. फिल्में, निर्देशन एवं अभिनय से जुड़े कार्य हैं : हरियाणवी : गंजे चले बम्बई (पांच भाग), धुम्मा ठा दयांगे, गब्बर फसग्या रांड्यां में आदि। हिन्दी : पंगेबाज मजाकिया, हनुमान चालीसा, बम ले लो बम, सवाल एक करोड़ का आदि। भोजपुरी:- चलेला लुंगी झार के, छठी मईया, माई के नजरिया, पनवा लगाइके आदि। राजस्थानी : मां की ममता, श्रवण कुमार, भगत पूर्णमल, ओपरी पराई, गोगा पुराण (16 भाग), ढोला (24 भाग) और पीर दी सवारी आदि का निर्देशन कर चुके हैं।