अब सीएम के हिसाब से बनेगा लोस, विस चुनावों का रोडमैप
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 21 नवंबर
हरियाणा में आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनावों की रणनीति अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के हिसाब से तय होगी। मनोहर लाल तय करेंगे कि किन मुद्दों और किस तरीके से पार्टी को चुनावी रण में उतरना है। अभी तक पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ द्वारा तय की गई रणनीति के हिसाब से काम हो रहा था। धनखड़ को पद से हटाने के बाद पार्टी नेतृत्व अब कुरुक्षेत्र सांसद नायब सिंह सैनी को प्रदेश भाजपा की कमान सौंप चुकी है।
सैनी की गिनती मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सबसे नजदीकयों में होती है। सीएम की पसंद और सिफारिश से ही पार्टी नेतृत्व ने सैनी को यह जिम्मेदारी सौंपी है।
बहरहाल, प्रदेशाध्यक्ष बनने के बाद सैनी अधिकांश जिलों का दौरा कर चुके हैं। इस कड़ी में 24 नवंबर को उन्होंने पंचकूला स्थित पार्टी कार्यालय में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है। उनके प्रधान बनने के बाद यह पहली बैठक होगी। बैठक में सभी मंत्रियों, सांसदों-विधायकों के अलावा प्रदेश व जिला पदाधिकारियों को बुलाया है।
बैठक में सभी मोर्चों व प्रकोष्ठों के संयोजक भी शामिल होंगे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में होने वाली इस अहम बैठक में पार्टी के हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देव भी शामिल हो सकते हैं। नायब सिंह सैनी से पहले ओमप्रकाश धनखड़ लोकसभा व विधानसभा चुनावों के लिए बैठकें कर चुके थे। इतना ही नहीं, वे दोनों ही चुनावों के लिए व्यापक रणनीति और रोडमैप बना चुके थे, लेकिन अब मुख्यमंत्री और नायब सिंह सैनी अपने हिसाब से आगे की रणनीति तय करेंगे।
भाजपा प्रदेश नेतृत्व में हुए बदलाव के बाद काफी चीजें बदल गई हैं। आने वाले दिनों में संगठन में भी बदलाव देखने को मिलेगा। इस लिहाज से भी सैनी द्वारा बुलाई गई यह बैठक राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। लोकसभा चुनावों से पहले राज्य में 8 नगर निगमों – गुरुग्राम, फरीदाबाद, मानेसर, रोहतक, हिसार, पानीपत, करनाल व यमुनानगर के चुनाव भी होने हैं। इसी तरह से 25 के करीब नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के चुनाव भी होंगे।
भाजपा ने एक बार फिर लोकसभा की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। इसी तरह से विधानसभा में जीत की हैट्रिक लगाने की जुगत में भाजपा है। ‘मिशन-2024’ को ध्यान में रखते हुए भाजपा अब अपनी कार्ययोजना बना रही है। सरकार द्वारा भी चुनावी फैसले लेने शुरू किए जा चुके हैं। प्रदेश के विभिन्न वर्गों को साधने और खुश करने की कोशिशें मुख्यमंत्री विभिन्न घोषणाओं के जरिये कर रहे हैं। धनखड़ के प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए संगठन और सरकार में तालमेल की कमी देखने को मिली।
अब चूंकि नायब सिंह सैनी, मुख्यमंत्री के करीबी हैं तो वे उनके हिसाब से ही संगठन को गति देंगे। पंचकूला में होने वाली इस बैठक में लोकसभा सांसदों के अलावा 2019 के विधानसभा चुनाव लड़ चुके सभी प्रत्याशियों तथा 2014 के पूर्व सांसदों-विधायकों को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है। जिला प्रभारियों व जिलाध्यक्षों को बैठक में इसलिए आमंत्रित किया है ताकि उनसे ग्राउंड रियल्टी को लेकर चर्चा की जा सके। उनसे सुझाव भी लिए जाएंगे ताकि पार्टी उसी हिसाब से ग्राउंड पर उतरने का प्लान बना सके।
योजनाओं को भुनाने की कोशिश
मोदी व मनोहर सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं, जो सीधे आम लोगों से जुड़ी हैं। इन योजनाओं को ग्राउंड तक और तेजी से पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा जनसंवाद कार्यक्रम भी शुरू किए हुए हैं। मुख्यमंत्री द्वारा शुरू किए जनसंवाद कार्यक्रम अब सभी मंत्री, सांसद और विधायक भी शुरू कर चुके हैं। जनसंवाद कार्यक्रमों का मकसद भी यही है कि योजनाओं को लेकर फीडबैक जुटाया जा सके और इनमें आ रही समस्याओं को दूर किया जा सके।