अब शिअद को तलाशना पड़ेगा नया प्रत्याशी
मनीमाजरा (चंडीगढ़), 6 मई (हप्र)
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के लोकसभा उम्मीदवार हरदीप सिंह बुटेरला ने लोकसभा चुनाव के लिए उन्हें दी गई टिकट लौटाने के साथ शिअद से भी इस्तीफा दे दिया है। बुटेरला ने आरोप लगाया है कि उन्होंने चुनाव लड़ने से पहले पार्टी के सामने मांग रखी थी कि चंडीगढ़ में शिरोमणि अकाली दल पहली बार चुनाव लड़ रहा है। इसलिए चुनाव लड़ने के लिए सीनियर नेताओं की जरूरत पड़ेगी, लेकिन पार्टी के प्रधान सुखबीर सिंह बादल अभी भी 13 सीटों पर प्रचार कर रहे हैं और 14वीं सीट को वह भूल गए हैं। हरदीप सिंह चंडीगढ़ अकाली दल के प्रधान और नगर निगम में पार्टी के इकलौते पार्षद हैं। हरदीप सिंह ने ऐलान किया है कि उनके साथ-साथ चंडीगढ़ अकाली दल की सभी इकाइयों के प्रधानों ने भी इस्तीफा दे दिया है। वे किसी दूसरी पार्टी में नहीं जाएंगे। वे सिर्फ पार्टी की नीतियों से परेशान होकर पार्टी छोड़ रहे हैं। बुटेरला ने कहा कि वे एक गरीब किसान के बेटे हैं। वे अकेले चुनाव नहीं लड़ सकते। उन्हें पार्टी फंड की जरूरत थी, लेकिन पार्टी की तरफ से उन्हें फंड नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि तीन बार अपने दम पर चुनाव लड़कर नगर निगम के पार्षद का चुनाव जीता है।
शिरोमणि अकाली दल ने बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद पहली बार चंडीगढ़ में अपने लोकसभा उम्मीदवार की घोषणा की थी। तीन बार पार्षद रहे 41 वर्षीय हरदीप की चंडीगढ़ के गावों में अच्छी पकड़ मानी जाती है। 2006 और 2011 में हरदीप के पिता गुरनाम सिंह और भाई मल्कियत सिंह चंडीगढ़ नगर निगम के पार्षद चुने गए थे। इसके बाद हरदीप भाई की मृत्यु के बाद 2016 और 2021 में पार्षद बने। वे सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर भी बने। वहीं 2018 में हरदीप को चंडीगढ़ के शिअद प्रमुख के रूप में चुना गया था। हरदीप सिंह बुटेरला के टिकट लौटाने के बाद अब शिअद को चंडीगढ़ लोकसभा सीट से कोई अन्य प्रत्याशी तलाशना पड़ेगा। सूत्रों की माने तो सोमवार को हुए इस घटनाक्रम के बाद पार्टी के नेता इस मामले में प्रत्याशी तलाशने में लग गए है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी शहर में अच्छी पकड़ रखने वाले को अब चुनाव मैदान में उतारेगी।