अब दिल्ली के अस्पतालों की दवाओं पर सवाल
नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (एजेंसी)
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली सरकार के अस्पतालों में ‘गुणवत्ता मानक परीक्षणों में विफल’ और ‘जीवन को खतरे में डालने की क्षमता’ वाली दवाओं की कथित आपूर्ति की सीबीआई जांच कराने की सिफारिश की है। राज निवास के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
घटनाक्रम पर, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि पदभार संभालने के बाद उन्होंने खरीदी गई दवाओं के ऑडिट का निर्देश दिया था, लेकिन स्वास्थ्य सचिव ने कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने नौकरशाह और अन्य संबंधित अधिकारियों को निलंबित करने की भी मांग की। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में नियमों के कथित उल्लंघन और प्रक्रियागत खामियों को लेकर उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। राज निवास के अधिकारियों ने कहा कि मुख्य सचिव नरेश कुमार को लिखे एक नोट में उपराज्यपाल ने उल्लेख किया है कि यह चिंताजनक है कि ये दवाएं लाखों मरीजों को दी जा रही हैं। उपराज्यपाल ने नोट में कहा कि दिल्ली स्वास्थ्य सेवा (डीएचएस) के तहत केंद्रीय खरीद एजेंसी (सीपीए) द्वारा खरीदी गई ये दवाएं दिल्ली सरकार के अस्पतालों को आपूर्ति की गईं और हो सकता है कि इन्हें मोहल्ला क्लीनिक में भी आपूर्ति की गई हो। उन्होंने कहा, ‘प्रथम दृष्टया, सीपीए-डीएचएस, दिल्ली सरकार के अलावा इसमें अन्य राज्यों में स्थित आपूर्तिकर्ता, निर्माता और उन राज्यों के दवा नियंत्रक शामिल हैं।’
उपराज्यपाल ने कहा कि मोहल्ला क्लीनिक का मामला पहले से ही सीबीआई के पास है। ‘एक्स’ पर सिलसिलेवार पोस्ट में दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की। उन्होंने कहा, ‘मैंने 9 मार्च 2023 को पदभार संभाला। सीपीए या अन्य माध्यम से खरीदी गई दवाओं के ऑडिट के लिए 21 मार्च 2023 को निर्देश दिए। स्वास्थ्य सचिव द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। ... दो महीने पहले 23 अक्तूबर को, मैंने उपराज्यपाल से स्वास्थ्य सचिव एसबी दीपक कुमार और डीजीएचएस को निलंबित करने की सिफारिश की थी। उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करें केजरीवाल : आप
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इस मामले में कहा, ‘हमारे पास लैब और सतर्कता रिपोर्ट है। दिल्ली सरकार के अस्पतालों में दी जा रही दवाओं के नमूने फेल हो गए हैं। हम मांग करते हैं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अपने स्वास्थ्य मंत्री को तुरंत बर्खास्त करें।’ कांग्रेस ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है और इसकी जांच होनी चाहिए। सरकार को एक मेडिकल बोर्ड का गठन करना चाहिए।