अब वर्ल्ड चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ व ओलंपिक की करूंगी तैयारी
भिवानी, 18 जनवरी (हप्र)
भिवानी की बॉक्सर बेटी नीतू घनघस अर्जुन अवॉर्डी बॉक्सिंग बन गई हैं। कल राष्ट्रपति के हाथों मिले इस अवॉर्ड के बाद नीतू के घर व उसके धनाना गांव में खुशी की लहर है। अब ओलंपिक की तैयारी में जुटी नीतू की मां का कहना है कि सारी उम्र गोबर उठाने व घास लाने में बीत गई थी। अब बेटी ने राष्ट्रपति भवन दिखा दिया। बेटी द्वारा अर्जुन अवॉर्ड पाने पर नीतू मां ऐसी भावुक हुईं कि बोली, ऐसी बेटी भगवान सभी को दे, जिसने गोबर उठाने वाली मां को राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा दिया। जिस वक्त नीतू को राष्ट्रपति के हाथों अवॉर्ड मिल रहा था, मां भी राष्ट्रपति भवन में मौजूद थी। बता दें कि नीतू को ये अवॉर्ड 2022 में वर्ल्ड चैंपियनशिप व कॉमनवेल्थ गेम में विजेता रहने पर मिला है।
क्या कहती हैं नीतू : राष्ट्रपति के हाथों अर्जुन अवार्ड पाने वाली बॉक्सर नीतू का कहना है कि उसने 2012 में बॉक्सिंग शुरू की थी। तब न किसी मेडल का और न अवॉर्ड की जानकारी थी। दस साल बाद 2022 में जब वर्ल्ड चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम में मेडल मिला तो अर्जुन अवॉर्ड की हकदार बनी। नीतू का कहना है कि ये अवॉर्ड उसे अब आगे होने वाले ओलंपिक, कॉमनवेल्थ व वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी के लिए मोटिवेट करेगा। नीतू का कहना है कि मुझे मिला अर्जुन अवॉर्ड मेरी साथी बॉक्सरों व जूनियर को आगे बढ़ने की प्रेरणा देगा।
क्या कहते हैं नीतू के पिता : नीतू के पिता जयभगवान का कहना है कि पूरे गांव को ख़ुशी हुई है। ये नीतू व उनके कोच जगदीश की मेहनत का फल है। पिता का कहना है कि उन्हें पूरा भरोसा है कि नीतू ओलंपिक मेडल लाकर देश का नाम रोशन करेंगी। वहीं घर से खेत व खेत से घर तक सीमित रहने वाली नीतू की माँं मुकेश बेटी को मिले अवार्ड से ख़ुशी भी हैं और भावुक भी। उनका कहना है कि मां तो भैंसों के लिए खेतों से घास लाने व गोबर उठाने तक सीमित थी। बेटी ने दिल्ली और दिल्ली में राष्ट्रपति भवन तक पहुंचा दिया। मां का कहना है कि बेटियां बेटों से भी अच्छी होती है। ऐसी बेटी भगवान सभी को दे।
एक के बाद एक मेडल और अब अर्जुन अवॉर्ड पाकर नीतू ने जता दिया है कि परिवार का सहयोग हो, खेलने का मौका मिले और अच्छे गुरु का साथ हो तो बेटी कोई भी मुकाम हासिल कर सकती है।