अब ड्रॉपआउट रोकने में मदद करेंगी ग्राम पंचायतें
चंडीगढ़, 3 दिसंबर (ट्रिन्यू)
हरियाणा के सरकारी स्कूलों से ड्रॉपआउट रोकने के लिए शिक्षा विभाग विशेष जागरूकता मुहिम चलाएगा। इसके लिए ग्राम पंचायतों का सहयोग लिया जाएगा। गांवों में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा शहरों में वार्ड पार्षदों के अलावा सामाजिक धार्मिक संस्थाओं से मदद ली जाएगी। पिछले कुछ वर्षों में सरकारी स्कूलों में ड्रॉपआउट रेट कम हुआ है। राज्य के शिक्षा मंत्री महीपाल सिंह ढांडा ने इस संदर्भ में विभाग के अधिकारियों को विशेष मुहिम चलाने के निर्देश दिए हैं।
मंगलवार को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए महीपाल ढांडा ने कहा कि नई शिक्षा नीति पर हरियाणा में तेजी से काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है और सरकारी स्कूलों के रिजल्ट में सुधार हुआ है। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों क पीठ थपथपाते हुए ढांडा ने कहा कि प्रदेश के पास बढ़िया शिक्षक हैं। उन्हीं की बदौलत अच्छी पढ़ाई राज्य के सरकारी स्कूलों में मिल रही है।
प्राइवेट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने के प्रति बढ़ते क्रेज पर उन्होंने कहा कि यह फैशन बन गया है और हर कोई इस दौड़ में शामिल हो रहा है। एक परिवार के दो बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने पर करीब 10 हजार रुपये मासिक खर्चा आता है। वहीं सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जा रही है। उन्होंने कहा कि वे खुद स्कूलों का दौरा कर रहे हैं। स्कूल प्रबंधन समितियों के साथ बैठक भी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों के साथ शिक्षकों से सीधे संवाद के दौरान जो समस्याएं सामने आ रही हैं, उनका भी मौके पर ही समाधान किया जा रहा है। शिक्षकों को भी निर्देश दिए हैं कि वे ड्राॅपआउट रोकने के लिए पंचायतों से भी संवाद करें। जनप्रतिनिधियों का सहयोग इसमें विशेष भूमिका निभाएगा। शिक्षकों को कहा है कि जो बच्चे स्कूल छोड़ रहे हैं, उनकी पहचान की जाए और उन्हें स्कूलों में दाखिला दिलाया जाए।
यूनिवर्सिटी के अलावा कॉलेजों व स्कूलों में स्टॉफ की कमी को लेकर उन्होंने कहा कि जल्द ही खाली पदों पर भर्ती होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए तैयारियां की जा रही हैं। हिसार, सिरसा व जींद यूनिवर्सिटी के वीसी द्वारा इस्तीफा दिए जाने पर उन्होंने कहा कि नये कुलपतियों की नियुक्ति जल्द होगी। जल्द ही इस संदर्भ में विज्ञापन जारी होगा और भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। सभी विश्वविद्यालयों से खाली पदों का ब्यौरा भी मांगा है।
दूसरी साइटें चलाने का लिया संज्ञान
शिक्षा विभाग ने विद्यार्थियों को आधुनिकता के साथ जोड़ने के लिए टैब के जरिये पढ़ाई की शुरूआत की है। लेकिन टैब का लॉक खोलकर उन पर दूसरी साइटें चलाने की विभाग के पास लगातार शिकायत पहुंची रहीं हैं। विभाग ने इन शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया है। अब विभाग ने फैसला लिया है कि टैब का लॉक तोड़ने वाले विद्यार्थियों की काउंसलिंग कराई जाएगी, ताकि वे नकारात्मकता की ओर न बढ़ें, जिस उद्देश्य के लिए टैब दिए हैं, उनका सदुपयोग हो सके। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कहीं भी नेटवर्क की कोई समस्या नहीं है, जहां पर नेटवर्क की शिकायतें आई थी, उनका हल किया गया है। टैब का लॉक खोलने वाले विद्यार्थियों की काउंसलिंग के साथ-साथ उनके अभिभावकों को भी जागरूक किया जाएगा।