अब निकाय व पंचायत प्रतिनिधियों को मनाने में जुटी भाजपा
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 17 जून
हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा ने आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियां शुरू कर दी हैं। सरकार फील्ड में मोर्चाबंदी कर चुकी है। सीएम सहित सभी मंत्री जहां ग्राउंड पर लोगों की समस्याओं को निपटाने में जुटे हैं वहीं संगठन स्तर पर चुनावी रणनीति पर काम हो रहा है। इसी कड़ी में शहरी स्थानीय निकायों – नगर निगमों, नगर परिषदों व नगर पालिकाओं के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकों का दौर शुरू किया है।
इतना ही नहीं, पंचायती राज संस्थाओं – जिला परिषद, ब्लाक समिति व ग्राम पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ भी संवाद किया जा रहा है। जनप्रतिनिधियों की चुनावों में अहम भूमिका होती है। सरपंचों की नाराजगी को दूर करने की भी कवायद सरकार ने शुरू कर दी है। इसी तरह से नगर निगमों में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर, मेयर व पार्षदों के अलावा नगर परिषद व नगर पालिकाओं में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के अलावा पार्षदों की समस्याओं को दूर करने का प्लान तैयार किया है।
सरकार ने सभी मंत्रियों, सांसदों व विधायकों को कहा है कि वे जनप्रतिनिधियों के साथ निरंतर संवाद जारी रखें। इतना ही नहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने निकाय व पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें भी शुरू कर दी हैं। विगत दिवस स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भी मेयर व पार्षदों के साथ बैठकें कर चुके हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ भी निकायों के प्रतिनिधि लगातार मुलाकात कर रहे हैं। शहरों में निकाय और गांवों में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों का बड़ा प्रभाव होता है। भाजपा नेताओं द्वारा निकाय प्रतिनिधियों के साथ की जा रही बैठकों में पार्टी जिलाध्यक्ष व महामंत्री भी शिरकत करते हैं। लोकसभा चुनावों में उम्मीद के हिसाब से रिजल्ट नहीं आने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा विधानसभा चुनावों को लेकर और भी गंभीर हो गई है। 2019 में भाजपा ने लोकसभा की सभी दस सीटों पर जीत हासिल की थी लेकिन इस बार पार्टी केवल पांच ही सीटों पर जीत हासिल कर पाई। ऐसे में पार्टी को विधानसभा चुनाव के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ रही है। सीएम नायब सिंह सैनी भी सक्रिय चुके हैं। चंडीगढ़ प्रवास के दौरान रोजाना सैकड़ों की संख्या में लोग उनसे मिलने आते हैं। राज्य में प्रॉपर्टी आईडी और परिवार पहचान-पत्र की त्रुटियों की वजह से लोगों की नाराजगी को भी भाजपा भांप चुकी है। इसीलिए सभी डीसी और एसडीएम को रोजाना समाधान शिविर लगाने के आदेश दिए जा चुके हैं। फील्ड अधिकारी रोजाना मुख्य सचिव कार्यालय को रिपोर्ट कर रहे हैं।
मंत्रियों को दी कड़ी हिदायत
मुख्यमंत्री की ओर से सभी मंत्रियों को भी हिदायत दी गई है कि वे जिलों में दौरों की सूचना समय रहते पार्टी पदाधिकारियों को दें। अाधिकारिक बैठकों के बाद पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के साथ मंत्रियों व विधायकों को फील्ड में दौरों के दौरान बैठकें करनी होंगी। उनकी अगर किसी तरह की समस्या है तो उसका समाधान भी मौके पर ही करना होगा। सीएम की ओर से दो-टूक कहा गया है कि फील्ड में दौरों के दौरान कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं करने को गंभीरता से लिया जाएगा।
विकास कार्यों पर फोकस
शहरों एवं गांवों में चल रहे विकास कार्यों को समय रहते पूरा करवाने का लक्ष्य सरकार ने रखा है। इतना ही नहीं, कई ऐसी विकास परियोजनाएं हैं, जिनका शिलान्यास होना है। ऐसे सभी कार्यों की सूची सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) द्वारा तैयार की जा रही है। इस तरह के प्रोजेक्ट्स की प्रशासनिक अनुमति में किसी तरह की देरी नहीं होगी। प्रशासनिक अनुमति के बाद टेंडर प्रक्रिया भी जल्द पूरी करने को कहा गया है ताकि विधानसभा चुनावों की घोषणा से पहले अधिकांश विकास परियोजनाओं पर काम शुरू हो सके।