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हरियाणा में अब नायाब सरकार

07:07 AM Mar 13, 2024 IST
दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू चंडीगढ़, 12 मार्च हरियाणा में अब ‘नायब’ सरकार का राज होगा। पिछले लगभग सवा नौ वर्षों से प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नाटकीय घटनाक्रम में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कुछ ही घंटों में मनोहर कैबिनेट भंग भी हो गई और नयी सरकार का गठन भी हो गया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और कुरुक्षेत्र सांसद नायब सिंह सैनी को हरियाणा का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। मंगलवार को सैनी ने राजभवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। वहीं दूसरी ओर अक्तूबर-2019 से जननायक जनता पार्टी के साथ चल रहा भाजपा का गठबंधन भी टूट गया है। रोचक पहलू यह है कि गठबंधन तोड़ने या टूटने का ऐलान दोनों ही दलों में से किसी ने भी आधिकारिक तौर पर नहीं किया है। मुख्यमंत्री के इस्तीफे के साथ ही पूरी कैबिनेट का इस्तीफा भी खुद-ब-खुद हो गया। सवा चार वर्षों से भी अधिक समय तक डिप्टी सीएम रहे दुष्यंत चौटाला ने सरकारी गाड़ियों का काफिला और स्टाफ लौटा दिया है। नायब सिंह सैनी के साथ कैबिनेट मंत्रियों के रूप में पांच विधायकों ने भी शपथ ग्रहण की है। मंत्रिमंडल में अभी 8 पद खाली हैं। बहुत जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। विस्तार के दौरान ही कैबिनेट में नये चेहरों को शामिल किया जाएगा। सरकार को समर्थन दे रहे छह निर्दलीय विधायकों में से रानिया विधायक रणजीत सिंह को कैबिनेट में शामिल किया जा चुका है।

दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 12 मार्च
हरियाणा में अब ‘नायब’ सरकार का राज होगा। पिछले लगभग सवा नौ वर्षों से प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने नाटकीय घटनाक्रम में अपने पद से इस्तीफा दे दिया। कुछ ही घंटों में मनोहर कैबिनेट भंग भी हो गई और नयी सरकार का गठन भी हो गया। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और कुरुक्षेत्र सांसद नायब सिंह सैनी को हरियाणा का नया मुख्यमंत्री बनाया गया है। मंगलवार को सैनी ने राजभवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। वहीं दूसरी ओर अक्तूबर-2019 से जननायक जनता पार्टी के साथ चल रहा भाजपा का गठबंधन भी टूट गया है। रोचक पहलू यह है कि गठबंधन तोड़ने या टूटने का ऐलान दोनों ही दलों में से किसी ने भी आधिकारिक तौर पर नहीं किया है। मुख्यमंत्री के इस्तीफे के साथ ही पूरी कैबिनेट का इस्तीफा भी खुद-ब-खुद हो गया। सवा चार वर्षों से भी अधिक समय तक डिप्टी सीएम रहे दुष्यंत चौटाला ने सरकारी गाड़ियों का काफिला और स्टाफ लौटा दिया है।
नायब सिंह सैनी के साथ कैबिनेट मंत्रियों के रूप में पांच विधायकों ने भी शपथ ग्रहण की है। मंत्रिमंडल में अभी 8 पद खाली हैं। बहुत जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार होगा। विस्तार के दौरान ही कैबिनेट में नये चेहरों को शामिल किया जाएगा। सरकार को समर्थन दे रहे छह निर्दलीय विधायकों में से रानिया विधायक रणजीत सिंह को कैबिनेट में शामिल किया जा चुका है।

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अनिल विज हुए खफा

मनोहर पार्ट-।। में हरियाणा के गृह मंत्री रहे और अम्बाला कैंट विधायक अनिल विज शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए। सूत्रों का कहना है कि विधायक दल की बैठक में जब नायब सिंह सैनी का नाम विधायक दल के नेता के रूप में पूर्व सीएम मनोहर लाल ने रखा तो विज ने इस पर आपत्ति जताई थी। इसके बाद विज खफा होकर बैठक छोड़कर बाहर आ गए थे। उन्होंने सरकारी गाड़ियों का काफिला भी छोड़ दिया और निजी गाड़ी में सवार होकर चंडीगढ़ से सीधे अम्बाला कैंट स्थित अपने आवास पर पहुंच गए। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पार्टी के दिग्गज उन्हें मनाने में जुटे हैं। संभव है कि विज नयी कैबिनेट में शामिल हो जाएं।

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जजपा के पांच विधायक हुए ‘बागी’

दूसरी ओर, भाजपा से गठबंधन टूटने के बाद जननायक जनता पार्टी (जजपा) के भी टूटने के संकेत मिले हैं। पार्टी में 10 में से पांच विधायक सरकार के साथ बताए जा रहे हैं। विकास एवं पंचायत मंत्री रहे देवेंद्र सिंह बबली, गुहला विधायक ईश्वर सिंह, बरवाला विधायक जोगीराम सिहाग और नरवाना विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा राजभवन पहुंचे हुए थे। वहीं नारनौंद विधायक रामकुमार गौतम भी सार्वजनिक तौर पर सरकार को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं। सीएम के इस्तीफे के बाद बदले राजनीतिक हालात के बीच डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने नयी दिल्ली में बैठक बुलाई थी, लेकिन इसमें ये पांचों विधायक नहीं पहुंचे।

10 साल में तय किया विधायक से सीएम तक का सफर

2014 : अम्बाला की नारायणगढ़ विधानसभा सीट से विधायक बने
2016 : पहली बार राज्य मंत्री बने
2019 : कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट से सांसद बने
2023 : भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की कमान मिली
12 मार्च 2024 मुख्यमंत्री बने

यूं बदला राजकाज...

सोमवार की शाम को ही यह तय हो गया था कि मनोहर लाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। साथ ही, यह भी तय हो गया था कि अब भाजपा, जजपा के साथ मिलकर सरकार नहीं चलाएगी। इसीलिए मुख्यमंत्री ने सोमवार की शाम मंत्रियों के साथ वन-टू-वन मीटिंग भी की और उनके साथ सामूहिक बैठक भी की। इतना ही नहीं, भाजपा के सभी विधायकों के अलावा सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को भी फोन करके चंडीगढ़ बुलाया गया। कुछ विधायकों ने सोमवार को भी सीएम से मुलाकात की। मंगलवार को सुबह 10 बजे हरियाणा निवास में मंत्रियों के साथ बैठक करके सीएम ने इस्तीफा देने का फैसला लिया और मंत्रियों के साथ राजभवन पहुंच कर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को इस्तीफा सौंपा। मंत्रियों ने भी अपने इस्तीफे दिए। इसके बाद साढ़े 11 बजे हरियाणा निवास में हुई विधायक दल की बैठक में पार्टी प्रदेशाध्यक्ष नायब सिंह सैनी को विधायक दल का नया नेता चुन लिया गया।
नायब सिंह सैनी का चयन भाजपा हाईकमान की ओर से भेजे गए केंद्रीय पर्यवेक्षकों अर्जुन मुंडा और तरुण चुघ की मौजूदगी में हुआ। इस दौरान हरियाणा मामलों के प्रभारी बिप्लब कुमार देव भी मौजूद रहे। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद नायब सिंह सैनी ने विधायकों के साथ राजभवन पहुंच कर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इसके बाद शाम को पांच बजे शपथ ग्रहण समारोह हुआ और नायब सिंह सैनी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

कैबिनेट में पांच पुराने चेहरे

नायब सैनी के नेतृत्व में बनाई गई कैबिनेट में पांच विधायकों को बतौर कैबिनेट मंत्री शामिल किया है। ये पांचों ही विधायक मनोहर कैबिनेट में भी शामिल थे। सैनी के बाद जगाधरी विधायक कंवर पाल गुर्जर, बल्लबगढ़ विधायक मूलचंद शर्मा, रानिया से निर्दलीय विधायक चौ. रणजीत सिंह, लोहारू विधायक जेपी दलाल तथा बावल विधायक डॉ़ बनवारी लाल को कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ दिलवाई गई।

विधानसभा का विशेष सत्र आज

नयी सरकार के गठन के साथ ही बुधवार को हरियाणा विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र भी बुलाया है। इस सत्र में नये मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी अपनी सरकार का बहुमत साबित करेंगे। जिस तरह से पूर्व निकाय मंत्री डॉ़ कमल गुप्ता को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है, उसे देखते हुए बहुत संभव है कि सत्र के दौरान ही नया स्पीकर भी चुन लिया जाए। इस तरह की भी खबरें हैं कि स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता है।

ख्ाुल्ल्ार ही होंगे चीफ पि्रंसिपल सेक्रेटरी

नव नियुक्त सीएम नायब सैनी ने कहा है कि निवर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल की सरकार ने अंत्योदय की भावना से जन कल्याण के जो काम किए हैं, हमारी सरकार उन कार्यों को उन्हीं मनोभाव के साथ आगे बढ़ाने का काम करेगी। नयी सरकार में सीनियर रिटायर्ड आईएएस राजेश खुल्लर चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी की भूमिका में ही रहेंगे। नायब सैनी ने भी सीएम बनने के बाद पहली नियुक्ति राजेश खुल्लर की अपने चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी के रूप में की है।

 

 

 

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