कला, संस्कृति ही नहीं, खानपान में भी दिखेगी विभिन्न राज्यों की झलक
चंडीगढ़, 24 जनवरी (ट्रिन्यू)
रंग, शिल्प, संगीत, लय, कला और संस्कृति के एक आनंदमय उत्सव स्वरूप 38वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में आने वाले लाखों आगंतुकों के स्वागत की तैयारियां दिन पर दिन तेजी से पूरी की जा रही हैं। 7 फरवरी से 23 फरवरी तक चलने वाले सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में पहली बार एक साथ 15 राज्यों के पारंपरिक व लजीज व्यंजन का आनंद सैलानी उठा पाएंगे। यही नहीं, खानपान क्षेत्र के नामी और वैश्विक ब्रांड्स भी अलग-अलग स्थान पर अपने स्टॉल्स पर आमजन को लुभाएंगे।
दुनिया के पर्यटन मानचित्र पर अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले का 38वां संस्करण कई मायनों में खास होने जा रहा है। सूरजकुंड में 17 दिन तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेले में इस बार क्षेत्रीय खानपान की जितनी विविधता नजर आएगी, उतनी पहले कभी देखने को नहीं मिली। भारतीय ही नहीं, विदेशी पर्यटक इस बार मेला मैदान में उत्तर, दक्षिण, पूर्व, पश्चिम और मध्य भारत की पांरपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठा सकेंगे।
विरासत व पर्यटन मंत्री डॉ़ अरविंद शर्मा ने इसका खुलासा करते हुए बताया है कि इस बार थीम स्टेट मध्य-प्रदेश, ओडिशा, मेजबान राज्य हरियाणा के साथ-साथ राजस्थान, बिहार, महाराष्ट्र, पंजाब, केरल, तमिलनाडु, गुजरात, सिक्किम, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तर-प्रदेश, तेलंगाना राज्य की पारंपरिक खानपान का स्वाद आगंतुक चख सकेंगे। यही नहीं, इन राज्यों के स्टॉल्स पर चुनिंदा व्यंजन नहीं रहेंगे बल्कि हर राज्य के 10 से 15 पारंपरिक पकवान उपलब्ध होंगे, ताकि आमजन को भरपूर वेरायटी मिले। कैबिनेट मंत्री का कहना है कि इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट के स्टॉल्स भी अलग-अलग स्थानों पर लगाए जाएंगे। आमजन को खाने की विविधता भरपूर मिले, इसके लिए सभी छह जोन में वेंडिंग जोन बनाए जा रहे हैं। पहली बार खानपान क्षेत्र के वैश्विक ब्रांड्स भी इस बार मेले में नजर आएंगे।