कृषि कानूनों की कोई धारा किसान हितों के खिलाफ नहीं : राजनाथ
पंचकूला, 19 अगस्त (ट्रिन्यू)
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि बचपन से पढ़ते आ रहे हैं कि भारत कृषि प्रधान देश है और अर्थ व्यवस्था सबसे ज्यादा कृषि पर निर्भर करती है, लेकिन अब सच्चाई बदल चुकी है। आज देश कृषक प्रधान होकर रह गया है। 60 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है। अर्थ व्यवस्था में कृषि का योगदान 17 प्रतिशत पर आकर सिमट गया है। यह बड़ी चुनौती और गंभीर चिंता का विषय है। कृषि घाटे का सौदा बन गई है। किसानों की स्थिति सुधारने और आय दोगुनी करने के लिये सरकार ने कई योजनायें शुरू की हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को हर साल 6 हजार रुपये उनके खाते में भेजे जा रहे हैं। 3 कृषि कानून लाये गये हैं। इन्हें समझने की जरूरत है, लेकिन विरोध का माहौल पैदा किया जा रहा है। भम्र फैलाये गये हैं। धीरे-धीरे किसानों को समझ आने लगी है। इन कानूनों में ऐसा कोई क्लाॅज नहीं जो किसान हितों के खिलाफ हो। अगर ऐसा है तो सरकार किसानों से वार्ता के लिए तैयार है। उन्हाेंने कहा कि कृषि कानूनों की कोई धारा किसान हितों के खिलाफ नहीं है।
वे यहां प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत आयोजित राज्यस्तरीय अन्नपूर्णा कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। समारोह की अध्यक्षता मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की। राजनाथ ने ऑनलाइन लाभार्थियों से बात भी की। करनाल में गीता, गुरुग्राम में रामेश्वर और हिसार में सरोज से बातचीत कर इन सभी लाभार्थियों से जाना कि क्या उन्हें राशन लेने में कोई कठिनाई तो नहीं आ रही। इस मौके पर स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता, सांसद रतन लाल कटारिया, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ओपी धनखड़, प्रभारी विनोद तावड़े, जिला भाजपा अध्यक्ष अजय शर्मा, जजपा के शहरी अध्यक्ष ओपी सिहाग मौजूद रहे।
प्रदेश में कोई भूखा न सोये : खट्टर
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का मंतव्य यही है कि कोई गरीब रोटी के अभाव में भूखा न सोय। आज प्रदेश में लगभग 10 हजार उचित मूल्य की दुकानों पर 2 दिवसीय अन्नपूर्णा उत्सव का आयोजन किया जा रहा है। अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के कल्याण के लिये और भी बहुत काम किये हैं। कोरोना के दौरान दिवंगत होने वालों के परिवारों को दो-दो लाख की सहायता प्रदान की है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत अनाथ बच्चों की सहायता के लिये कई कदम उठाये गये हैं। आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश में 261 अस्पतालों को इम्पैनल्ड किया। अब तक 2 लाख 87 हजार मरीजों ने लाभ उठाया है। अंत्योदय आहार योजना, अटल किसान मजूदर कैंटीन योजना भी गरीबों के लिये लागू की गई है, जिससे 10 रुपये में भरपेट खाना मिल सके। हरियाणा में कोई ऐसा परिवार नहीं जिसके पास गैस सिलेंडर न हो। उज्ज्वला योजना के तहत 9 लाख 20 हजार सिलेंडर उपलब्ध कराये गये हैं। बीपीएल की सीमा एक लाख 20 हजार से बढ़ाकर एक लाख 80 की गई है। भविष्य में सरकार का प्रयास रहेगा कि किसी भी परिवार की आय एक लाख सालाना से कम न हो।
कालोनी में गरीबों को बांटा अनाज
मुख्यमंत्री ने हरिपुर में और दुष्यंत चौटाला ने इंदिरा कालोनी में योजना के तहत गरीब परिवारों को राशन वितरित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान सवा करोड़ लाभार्थियों को 35 किलो अनाज प्रति माह अनाज केंद्र सरकार ओर से मुहैया कराया गया। श्रमिकों के पलायन के समय प्रदेश सरकार की ओर से भी 35 किलो अनाज उपलब्ध कराया गया है।