आपदा से निपटने के लिये अभी तक केंद्र से कोई राहत नहीं : विक्रमादित्य
शिमला, 5 अगस्त (हप्र)
हिमाचल में आई प्राकृतिक आपदा से निपटने के लिए भले ही केंद्र सरकार ने राज्य को आश्वासनों का झुनझुना थमाया हो लेकिन असल में अभी तक प्रदेश को केंद्र से एक भी पैसे की मदद नहीं मिली है। ऐसे में प्रदेश को केंद्र से वित्तीय मदद का बेसब्री से इंतजार है।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने आज शिमला में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि अभी तक केंद्र से प्रदेश को आपदा में कोई राहत नहीं मिली है। उन्होंने प्रदेश के सांसदों से आपदा राहत का मुद्दा केंद्र के समक्ष उठाने का आग्रह किया। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि भारी बारिश व बादल फटने की घटनाओं से लोक निर्माण विभाग को 300 करोड़ का नुकसान अभी तक हो चुका है। प्रदेश सरकार ने सड़कों व पुलों के रखरखाव व मरम्मत के लिए 20 करोड़ की फौरी राहत जारी कर दी है। लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि भारी बारिश एवं बादल फटने के कारण प्रदेश में जान-माल का बहुत नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं पुनर्वास कार्यों को जल्द पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि मंडी के पधर में बादल फटने के कारण सड़क अभी भी यातायात के लिए बंद है, जिसे शीघ्र बहाल करने के प्रयास जारी हैं। इसके अतिरिक्त जिला शिमला एवं कुल्लू में भी राहत एवं बचाव अभियान जारी है।
तेरंग में अभी भी दो लोग लापता
मंडी (निस) : तेरंग हादसे में लापता लोगों को ढूंढने के लिए चलाया गया सर्च अभियान पांचवें दिन भी जारी रहा। उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन दूसरी बार तेरंग पहुंचे और सर्च अभियान को लीड किया। अब केवल दो लोगों को ढूंढना शेष है। लापता हुए 10 लोगों में से 8 के शव बरामद किए जा चुके हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड की टीमोें के 100 से अधिक जवान दिन-रात लापता लोगों को ढूंढने के लिए लगे हुए हैं। इन जवानों के अनथक प्रयासों से भारी चट्टानों के बीच फंसे लापता लोगों को ढूंढा जा सका है। सर्च अभियान में स्निफर डॉग की मदद से लापता लोगों को ढूंढने में काफी मदद मिली है। उपायुक्त ने बताया कि 8 मृतकों के परिवारों को उनके खाते में 4-4 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रभावित परिवारों को राशन, गैस, ठहरने की व्यवस्था भी कर दी गई है।