अवैध कालोनी में 500 गज तक प्लाॅट के लिए एनओसी जरूरी नहीं
चंडीगढ़, 3 सितंबर (हप्र)
पंजाब विधानसभा ने मंगलवार को ‘पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन (संशोधन) विधेयक-2024’ को सर्वसम्मति से पारित करते हुए अनधिकृत कालोनियों में 500 वर्ग गज तक के प्लॉट की रजिस्ट्री व उस पर निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) की शर्त को समाप्त कर दिया।
पिछले कुछ वर्षों में पंजाब भर में बनी करीब 14000 अनधिकृत कालोनियों में प्लॉट खरीदने वाले हजारों लोगों को इससे लाभ होगा। हालांकि, केवल वही लोग रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार के समक्ष बिना एनओसी रजिस्ट्री करवाने के हकदार होंगे, जिन्होंने 31 जुलाई तक अवैध कॉलोनी में 500 वर्ग गज तक के क्षेत्र के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी, स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट टू सेल या ऐसे अन्य दस्तावेज के माध्यम से अनुबंध किया है। यह छूट सरकार द्वारा इस संबंध में नोटिफिकेशन के माध्यम से नोटिफाई की गई तिथि तक लागू होगी। पंजाब अपार्टमेंट एंड प्रॉपर्टी रेगुलेशन एक्ट की धारा 20 और 36 में संशोधन किया गया है। हालांकि, यह संशोधन कालोनी के नियमितीकरण से संबंधित नहीं है। यह प्लॉट धारकों को पानी और बिजली कनेक्शन जैसी बुनियादी नागरिक सुविधाएं प्राप्त करने की अनुमति देता है।
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने विधानसभा के मॉनसून सत्र के दूसरे दिन यह विधेयक पेश किया। उन्होंने कहा कि इस संशोधन का उद्देश्य जहां अवैध कालोनियों पर शिकंजा कसना है, वहीं छोटे प्लॉट मालिकों को राहत देना है। उन्होंने कहा कि इस बिल से आम लोगों को अपने प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने में आने वाली समस्याओं से राहत मिलेगी।
अवैध कालोनियां बसाने वालों को होगी सजा : मुख्यमंत्री मान ने कहा कि अवैध कालोनाइज़रों ने लोगों को हरा-भरा सपना दिखाकर लूटा और बिना मंजूरी प्लॉट बेच दिये, जबकि ये कालोनियां स्ट्रीट लाइट, सीवरेज और अन्य बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं। मजबूर लोग इन कालोनियों में जरूरी सुविधाएं हासिल करने के लिए परेशान होते हैं। अधिनियम की संशोधित धारा 36 के तहत, अनधिकृत कालोनियां बनाने के दोषियों को कम से कम 25 लाख रुपये जुर्माना हो सकता है, जिसे पांच करोड़ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही कम से कम पांच साल की कैद की सजा दी जाएगी, जिसे दस साल तक बढ़ाया जा सकता है।