पंजाब में राज्यपाल नहीं, सीएम होंगे चांसलर
राजीव तनेजा/ निस
मोहाली/ चंडीगढ़, 20 जून
पंजाब में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री को राज्य के विश्वविद्यालयों का चांसलर बनाने के लिए मंगलवार विधानसभा के विशेष सत्र में एक अहम विधेयक पारित किया गया। इसके अनुसार पंजाब के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों (वीसी) की नियुक्तियों के लिए अब मुख्यमंत्री अधिकृत होंगे। इसे ‘पंजाब विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2023’ नाम दिया गया है। उच्च शिक्षा मंत्री हरजोत बैंस ने इसे पेश किया और संक्षिप्त बहस के बाद पारित कर दिया गया। सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) के अलावा शिरोमणि अकाली दल और बहुजन समाज पार्टी के विधायक ने भी इसका समर्थन किया। वहीं, सत्र में प्रश्नकाल या शून्यकाल का प्रावधान नहीं होने के विरोध में कांग्रेस सदस्य यह विधेयक लाये जाने से पहले वॉकआउट कर चुके थे।
गौर हो कि विश्वविद्यालयों के वाइस चांसलर की नियुक्ति समेत कई मुद्दों पर मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बीच मतभेद की स्थिति बन चुकी है। विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि पंजाब में 32 विश्वविद्यालय हैं, यदि वाइस चांसलर अच्छा आ जाये, तो यूनिवर्सिटी का कल्याण हो जाता है। सीएम ने कहा, ‘हमें दिक्कत यह आती है कि अच्छा वीसी लगाना चाहते हैं, तो कहा जाता है कि सरकार तीन नाम चुनकर दे, गवर्नर उनमें से एक चुनेंगे।’
‘दूसरों के साथ खड़े होते हैं गवर्नर’ : बनवारीलाल पुरोहित पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हितों की रक्षा करने के उलट, पंजाब के राज्यपाल अकसर दूसरी तरफ खड़े दिखाई देते हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी के मसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि पंजाब और पंजाबियों के हितों की रक्षा करने के बजाय राज्यपाल ने हरियाणा का पक्ष लिया। मान ने आराेप लगाया कि राज्यपाल दिल्ली में बैठे अपने राजनीतिक आकाओं को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य के रोजाना के कामकाज में राज्यपाल की दखलंदाजी की कोई जरूरत नहीं है।
फंड के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी
पंजाब विधानसभा ने ग्रामीण विकास कोष (आरडीएफ) की 3,600 करोड़ रुपये से अधिक की राशि केंद्र सरकार द्वारा ‘रोकने’ के खिलाफ मंगलवार को निंदा प्रस्ताव पारित किया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने चेतावनी दी कि यदि यह राशि एक सप्ताह के भीतर जारी नहीं की गई तो राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह ने सदन में प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा वर्ष 2021 से लेकर अब तक आरडीएफ के 3622.40 करोड़ रुपये जारी नहीं किए गये हैं। यह फंड किसान कल्याण, ग्रामीण मंडियों को अपग्रेड करने, ग्रामीण लिंक सड़कों को अपग्रेड करने में खर्च किया जाता है। अकाली दल विधायक डॉ. सुखविंदर सिंह ने भी प्रस्ताव का समर्थन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरडीएफ का पैसा हमारा अधिकार है, जिसेे केंद्र नहीं दे रहा।
दरबार साहिब से मुफ्त होगा गुरबाणी का प्रसारण
अमृतसर स्थित दरबार साहिब से गुरबाणी के मुफ्त प्रसारण के मुद्दे पर एक कदम आगे बढ़ाते हुए पंजाब विधानसभा में मंगलवार को सिख गुरुद्वारा (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया गया। विशेष सत्र के दूसरे दिन मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सदन में कहा कि 21 जुलाई तक एक चैनल के पास एकाधिकार है। उसके बाद स्वर्ण मंदिर से गुरबाणी का प्रसारण सभी चैनलों पर हो सकेगा। इसकी फीड फ्री होगी, जो भी चलाना चाहे, वह इसे चला सकता है। सदन में शिरोमणि अकाली दल व बहुजन समाज पार्टी ने इस विधेयक का विरोध किया, जबकि भाजपा और कांग्रेस के विधायक गैरहाजिर रहे। वर्तमान में, स्वर्ण मंदिर से गुरबाणी का प्रसारण ‘पीटीसी’ करता है, जो एक निजी चैनल है। विधेयक पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरबाणी प्रसारण मुद्दे पर एसजीपीसी अध्यक्ष हरजिंदर धामी कहते हैं कि यह फ्री है। लेकिन यह फ्री नहीं है। इसके विशेष अधिकार हैं, यानी चैनल मालिक है। सीएम ने कहा कि अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में गुरबाणी वाला चैनल लगवाना है तो 54 डॉलर लगते हैं। इसी चैनल पर गुरबाणी चलती है। सभी इसी चैनल की सब्सक्रिप्शन लेते हैं, जिससे टीआरपी बढ़ जाती है, उसके साथ चैनल को विज्ञापन मिलते हैं। वहीं, अकाली विधायक मनप्रीत सिंह अयाली ने कहा कि एसजीपीसी के मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। अकाल तख्त के जत्थेदार रघबीर सिंह ने भी अनुरोध किया है कि आपस में बैठकर हल निकालना चाहिए।