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गेहूं खरीद पर कैप नहीं, पूरा अनाज खरीदेगी सरकार

09:57 AM Apr 03, 2024 IST
गेहूं खरीद पर कैप नहीं  पूरा अनाज खरीदेगी सरकार
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दिनेश भारद्वाज/ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 2 अप्रैल
हरियाणा के किसानों के लिए अच्छी खबर है। इस बार गेहूं-सरसों की खरीद पर किसी तरह की कैप नहीं है। सरकार किसानों की पूरी फसल खरीदेगी। प्रदेश की मंडियों में सोमवार से गेहूं की खरीद शुरू हो चुकी है। इस बार मंडियों में 80 लाख टन गेहूं खरीद का अनुमान है। साढ़े तीन लाख टन सरसों की खरीद एमएसपी पर होगी। बाकी ‘भावांतर भरपाई’ योजना के तहत खरीदी जाएगी।
मंगलवार को खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री मूलचंद शर्मा ने विभाग के अधिकारियों की बैठक में खरीद प्रबंधों की समीक्षा की। इतना ही नहीं, मंडियों में उठान की समस्या को शुरू में ही भांपते हुए सरकार ने इस बार समय रहते उठान का प्रबंध करने के निर्देश दिए हैं। मंडियों में बारदाना का प्रबंध किया जा चुका है। हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक में बारदाना खरीद के आर्डर फसलों के मंडियों में आने से पहले ही दिए जा चुके हैं। मंडियों से फसलों को गोदामों तक पहुंचाया जाएगा। सरकार ने तय किया है कि इस बार गेहूं को खुले में नहीं रखा जाएगा बल्कि कवर्ड गोदाम का प्रबंध किया है। मंडियों में सरसों की खरीद पहले से ही शुरू हो चुकी है। सरसों खरीद के लिए कुल 106 मंडियां स्थापित की हैं। इनमें अभी तक 1.29 लाख टन से अधिक सरसों की आवक हो चुकी है। इतना ही नहीं, विभिन्न एजेंसियों द्वारा 64 हजार टन से अधिक सरसों खरीदी भी जा चुकी है। सरसों की सबसे अधिक 39 हजार टन आवक भिवानी मंडी में हुई हैं।
पहली अप्रैल से मंडियों में गेहूं की आवक शुरू हुई। अभी तक मंत्रियों में 2300 टन गेहूं की आवक हो चुकी है और इसमें से 14 टन गेहूं खरीदा गया है। गेहूं खरीद के लिए कुल 417 मंडियों और खरीद केंद्र स्थापित किए हैं। सरसों की खरीद 26 मार्च से शुरू हुई थी। सरकार ने इस बार 80 लाख टन गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा है। हालांकि यह बढ़ भी सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस बार गेहूं का उत्पादन अधिक होने की उम्मीद है। किसानों को निराश नहीं होना पड़ेगा। सरकार उनकी पूरी फसल खरीदने का मन बना चुकी है। माना जा रहा है कि लोकसभा और विधानसभा चुनावों के बीच सरकार फसल खरीद को लेकर किसी तरह का विवाद पैदा नहीं होने देना चाहती।

ये एजेंसियां करेंगी खरीद

मंडियों में आने वाली फसलों में से 33 प्रतिशत की खरीद खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा, 41 प्रतिशत हैफेड द्वारा, 22 फीसदी एचएसडब्ल्यूसी द्वारा और 4 फीसदी एएफसीआई द्वारा की जाएगी। यहां बता दें कि केंद्र सरकार ने गेहूं के लिए 2275, जौ के लिए 1850, सरसों के लिए 5650, चना के लिए 5440 तथा सूरजमुखी के लिए 5800 रुपये प्रति क्विंटल न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय की है।

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इस बार मैसेज नहीं

आमतौर पर मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्टेशन करवाने वाले किसानों को मोबाइल पर मैसेज भेजा जाता था। इसके बाद ही वे मंडियों में फसल लेकर आते थे। इस बार इस तरह का कोई मैसेज नहीं जाएगा। यानी किसान अब किसी भी समय अपनी फसल लेकर मंडी में पहुंच सकते हैं। खरीद एजेंसियों द्वारा उनकी फसलों की खरीद की जाएगी। सरकार ने खरीद प्रक्रिया पूरी होने के 48 से 72 घंटों के भीतर भुगतान का भी इंतजाम किया है।

''प्रदेश की मंडियों में फसलों की खरीद शुरू हो चुकी है। मंडियों में खरीद को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी मंडियों का निरीक्षण करेंगे। उठान का भी पूरा प्रबंध किया है। बारदाने की कोई कमी नहीं है। खरीद प्रक्रिया पूरी होने के 48 से 72 घंटों के भीतर किसानों के बैंक खातों में भुगतान होगा। अधिकारियों की बैठक करके इस संदर्भ में निर्देश भी दिए हैं। ''
-मूलचंद शर्मा, खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री

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