तरुण जैन/हप्ररेवाड़ी, 17 दिसंबरबेघर व गरीब लोगों के लिए जिला प्रशासन द्वारा संचालित रैन बसेरों का जब जिक्र होता है तो उसमें असुविधाओं व खामियों के अलावा कुछ नहीं होता। लेकिन हम बात कर रहे हैं एक ऐसे रैन बसेरे (नाइट शैल्टर) की, जहां जरुरत पड़ने पर रात बिताने वाला व्यक्ति इसे न तो कभी भूलेगा और जब भी पुन: जरूरत पड़ी तो इसी रैन बसेरे की ओर उसके कदम बढ़ चलेंगे। इस सरकारी रैन बसेरे में एक रात बिताने के बाद ‘मेहमान’ को घर जैसा गुडफिल होगा। जब किसी सरकारी संस्था व कार्यालयों में अच्छा काम होता है तो उसकी चर्चा भी खूब होती है। रेवाड़ी के रैन बसेरे का निरीक्षण करते हुए डीएमसी अनुपमा अंजलि। हप्रजी हां, हम बात कर रहे हैं रेवाड़ी शहर के हृदय कहे जाने मॉडल टाउन एरिया के पटवार भवन के पास नगर परिषद द्वारा बनाये गए रैन बसेरे की। जब-जब भीषण सर्दी पड़ती है तो ये रैन बसेरे मुसाफिरों के लिए बड़ी राहत देते हैं। रेलवे स्टेशन व बस स्टेंड पर ट्रेन व बस के इंतजार में पूरी रात सर्दी में कांपते हुए निकालना बहुत मुश्किल होता है। सबसे अधिक तकलीफ असहाय व बेघर लोगों को होती है, जो पटरियों व फुटपाथ पर रात बीताते हैं। बहुत से दयालु लोग रात को कंबल-रजाई लेकर निकलते हैं और इन गरीब लोगों के शरीर पर डालते हुए निकल जाते हैं। लेकिन सभी का नसीब ऐसा नहीं होता और सैकड़ों लोग इनसे वंचित रह जाते हैं।दूसरे रैन बसेरों से कुछ अलग हैरेवाड़ी रैन बसेरे का जब हमने दौरा किया तो लगा कि यह अन्य रैन बसेरों से कुछ अलग है। यहां जो सुविधाएं दी गई है, वह किसी घर से कम नहीं है। गर्म कंबल के साथ-साथ बढिय़ा पलंग, पीने के लिए आरओ का और नहाने के लिए गीजर के गर्म पानी की व्यवस्था की गई है। इस रैन बसेरे में प्रवेश करते हुए गर्माहट का अहसास होता है। मुसाफिर चैन की नींद सोकर जब उठते हैं तो हो सकता है कि उनका यहां से जाने का मन ही न करें। साफ-सफाई, लाईट का उचित प्रबंध के साथ-साथ उनकी सेवा में दिन-रात कर्मचारी तैनात रहते हैं।सुरक्षा के किये गये हैं पुख्ता इंतजामरात को सुरक्षा की दृष्टि से पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। वैसे तो अभी तक जिला रेडक्रास सोसायटी द्वारा रैन बसेरे संचालित किये जाते थे। लेकिन इस बार यह जिम्मा नगर परिषद को दिया गया है। जिला नगरायुक्त (डीएमसी) अनुपमा अंजलि इस रैन बसेरे की प्रमुख है। वे इस रैन बसेरे का समय-समय पर दौरा करती है और उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं को लेकर मुसाफिरों से बातचीत करती हैं।नगर परिषद के अधिकारी लवकुश ने कहा कि इस रैन बसेरे में महिला व पुरुष के लिए अलग-अलग दो कमरे हैं। दोनों कमरों में 15-15 बेड की व्यवस्था की गई है। बाथरूम में नहाने के लिए गर्म पानी के गीजर लगाए गए हैं। वहीं पीने के लिए आरओ का पानी उपलब्ध है।गर्म कंबल और कमरों में हीटरइतना ही नहीं दोनों कमरों में जहां आगंतुकों के लिए ढेर सारे गर्म कंबल है, वहीं कमरों में हीटर भी रखे गए हैं। उन्होंने कहा कि यहां रात्रि के लिए चौकीदार अरविन्द व दिन के लिए कर्मचारी ईश्वर को रखा गया है। साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है। उन्होंने कहा कि इस रैन बसेरे में परीक्षार्थी, ट्रेन व बस पकडऩे वाले मुसाफिर भी रुकते हैं। इसका पूरा उपयोग हो सके, इसके लिए पब्लिसिटी भी की गई है।