53 साल बाद श्री हरिमंदिर साहिब में रात्रि ब्लैक आउट
संगरूर, 8 मई (निस)
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के चलते पांच दहाके के बाद श्री हरिमंदिर साहिब में रात्रि ब्लैकआउट रहा। इस से पहले 1971 में भारत- पाक युद्ध के समय ब्लैकआउट हुआ था। अब 53 साल चार महीने बाद कल रात श्री हरिमंदिर साहिब परिसर की लाइटें बंद कर दी गईं। भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल में बीती रात शहर में ब्लैकआउट अभ्यास किया गया और इस दौरान शहर की सभी लाइटें बंद कर दी गईं। इसके तहत श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में भी कुछ समय के लिए लाइटें बंद कर दी गईं। रात्रि 10. 30 बजे से 11 बजे तक लाइटें बंद रखकर ब्लैकआउट किया गया। इसके तहत श्री हरमंदिर साहिब की परिक्रमा के अंदर और आसपास की लाइटें भी बंद कर दी गईं। इसके कारण गुरु घर का पूरा क्षेत्र लगभग अंधकार में डूब गया। इस संबंध में बोलते हुए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सचिव प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार और प्रशासन द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, कल रात श्री हरमंदिर साहिब परिसर में भी एक निश्चित अवधि के लिए रोशनी बंद कर दी गई थी और ब्लैकआउट अभ्यास में भाग लिया गया था। उन्होंने कहा कि सचखंड में रोशनी कम कर दी गई थी, जहां गुरु साहिब का प्रकाश होता है। जबकि परिक्रमा में लाइटें बंद कर दी गई थीं।
लेकिन जिन स्थानों पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब का अखंड पाठ चल रहा था, वहां लाइटें बंद नहीं की गईं। उन्होंने कहा कि श्री अखण्ड पाठ का आयोजन विभिन्न स्थानों पर इस उद्देश्य के लिए बनाए गए कमरों में किया जा रहा है, जिनके दरवाजे बंद कर दिए गए हैं, लेकिन अखण्ड पाठ की निरंतरता के लिए अंदर रोशनी जलाई जा रही है।
इसी प्रकार, गुरुद्वारा बाबा दीप सिंह जी शहीद की लाइटें भी रात के समय बंद रखी गई हैं। श्री हरिमंदिर साहिब परिसर में ऐसा शायद 54 वर्षों के बाद हुआ है, जब परिसर की लाइटें स्वतः बंद हो गईं। इससे पहले, 1971 के युद्ध के दौरान भी इसी तरह लाइटें बंद कर दी गई थीं और अंधेरा छा गया था। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व सचिव कुलवंत सिंह ने कहा कि 1965 और 1971 के युद्ध के दौरान भी ब्लैकआउट किया गया था और इस ब्लैकआउट के दौरान श्री हरिमंदिर साहिब की लाइटें भी बंद रखी गई थीं। वह 1965 में श्री हरिमंदिर साहिब के उप प्रबंधक थे।