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‘न्यूजक्लिक’ का दफ्तर सील, दो गिरफ्तार

06:26 AM Oct 04, 2023 IST
नयी दिल्ली में मंगलवार को न्यूजक्लिक के दफ्तर में छापेमारी के बाद जब्त सामग्री को ले जाते कर्मी। - प्रेट्र

नयी दिल्ली, 3 अक्तूबर (एजेंसी)
दिल्ली पुलिस ने चीन के समर्थन में प्रचार करने के लिए धन लेने के आरोप में आतंकवाद निरोधी कानून गैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज एक मामले की जांच के सिलसिले में समाचार पोर्टल ‘न्यूज़क्लिक’ के कार्यालय को सील कर दिया है। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने मंगलवार को समाचार पोर्टल और उसके पत्रकारों से जुड़े 30 ठिकानों की तलाशी ली।
दिल्ली पुलिस ने ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ समेत दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने कहा कि 37 संदिग्ध लोगों से दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ कार्यालय में पूछताछ की गई, जबकि नौ महिला संदिग्धों से उनके घरों में पूछताछ हुई। उन्होंने कहा कि डिजिटल उपकरणों, दस्तावेजों और अन्य वस्तुओं को जांच के लिए जब्त कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा ने कहा कि अब तक दो आरोपियों - ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती को गिरफ्तार किया गया है।
सूत्रों ने कहा कि जिन पत्रकारों से पूछताछ की गई उनमें उर्मिलेश, अनिंद्यो चक्रवर्ती, अभिसार शर्मा, परंजॉय गुहा ठाकुरता के साथ-साथ इतिहासकार सोहेल हाशमी भी शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने उन्हें उनकी विदेश यात्रा, दिल्ली के शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ किसानों के आंदोलन सहित विभिन्न मुद्दों से संबंधित 25 प्रश्न पूछे। इस बीच, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भुवनेश्वर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश की जांच एजेंसी स्वतंत्र हैं और वे कानून के अनुसार काम करती हैं। उन्होंने कहा, ‘... यदि किसी ने कुछ गलत किया है, तो जांच एजेंसी इस संबंध में काम करती हैं... यह कहीं नहीं लिखा कि यदि आपने अवैध तरीके से धन कमाया है या कुछ आपत्तिजनक किया है, तो जांच एजेंसी इसकी जांच नहीं कर सकतीं।’ इससे पहले, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी ‘न्यूजक्लिक’ के वित्त पोषण के स्रोतों की जांच के तहत कंपनी के परिसरों पर छापे मारे थे। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने ‘न्यूजक्लिक’ के कुछ पत्रकारों के लैपटॉप और मोबाइल फोन जब्त कर लिए हैं। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने बताया कि छापेमारी आईपीसी की धाराओं 153ए (दो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत अगस्त में दर्ज किए गए एक मामले के आधार पर की गई।

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राजनीतिक दलों, पत्रकार संगठनों ने की निंदा

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने छापेमारी की निंदा की। गठबंधन ने एक बयान में कहा कि सरकार ने सांठगांठ वाले पूंजीपतियों का मीडिया संस्थानों पर नियंत्रण कराके अपने पक्षपातपूर्ण और वैचारिक हितों के लिए मीडिया को मुखपत्र बनाने की भी कोशिश की है। बयान में कहा गया कि सरकार अपनी नाकामियों से ध्यान हटाने के वास्ते मीडिया पर हमले करना बंद करे। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई), फॉरेन करेस्पोंडेंट्स क्लब (एफसीसी) ऑफ साउथ एशिया, इंडियन वुमेन प्रेस कोर (आईडब्ल्यूपीसी) ने छापेमारी पर चिंता जताई। नेशनल अलायंस ऑफ जर्नलिस्ट्स, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स (दिल्ली इकाई) ने एक बयान में पुलिस के छापों की निंदा की।

विदेशी मानवाधिकार संगठनों ने की निंदा

नयी दिल्ली (ट्रिन्यू) : न्यूजक्लिक पर पुलिस कार्रवाई की विदेशी मानवाधिकार संगठनों निंदा की है। भारत-अमेरिकी मुस्लिम कौंसिल जैसे कुछ संगठनों ने कहा कि पत्रकारों के खिलाफ भारत सरकार को ऐसी कार्रवाई से बचना चाहिए।

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