For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

कबीर की वाणी से लिखी गई हरियाणा के विकास की नयी कहानी

07:46 AM Jun 12, 2025 IST
कबीर की वाणी से लिखी गई हरियाणा के विकास की नयी कहानी
Advertisement

12 जून 2022 को मैंने बतौर मुख्यमंत्री हरियाणा के सीएम आवास का नाम बदलकर संत कबीर कुटीर रखने का ऐलान किया था। वह मेरे जीवन का गौरवशाली पल था। मैंने अपने जीवन में कबीरदास जी से जो सीखा, समझा, जाना और जितना उन्हें अपने कार्यों में उतार पाया उसकी संपूर्ण झलक हरियाणा सरकार की जन कल्याणकारी नीतियों में आज भी स्पष्ट तौर पर नजर आ रही है।
इसका ही यह परिणाम है देश में हरियाणा को विकास के नए मॉडल के तौर पर भी अलग से पहचान मिल चुकी है। सबसे पहले संत कबीरदास जी के विचारों से प्रेरित होकर हमारी सरकार ने ‘हरियाणा एक-हरियाणवी एक’ के संकल्प को जन जन तक पहुंचाया। उसके बाद अंत्योदय भावना के साथ जाति-पाति से ऊपर उठकर हर वर्ग के कल्याण के लिए अनेक योजनाओं पर काम शुरू किया। इसमें समाज के अंतिम व्यक्ति की उपेक्षा व पीड़ा को प्राथमिकता के साथ सबसे आगे रखा गया ताकि समाज में समानता, समरसता की संस्कृति का जुडाव मजबूत हो जाए।
26 अक्तूबर, 2014 को प्रदेश के शासन की बागडोर जब पहली बार सम्भाली थी तो उस समय प्रदेश में निराशा, अविश्वास, कुण्ठा, अवसाद और आक्रोश का माहौल था। भाई-भतीजावाद, क्षेत्रवाद का बोलबाला था। भ्रष्टाचार का नासूर प्रशासन के हर स्तर पर फैला हुआ था। ऐसी परिस्थितियों में कबीरदासजी के सिद्धांतों ने ही हमारी कार्यप्रणाली को नयी राह दिखाई। जिस पर चलते हुए भाजपा सरकार ने क्रांतिकारी कदम उठाते हुए घर बैठे सभी परिवारों के परिवार पहचान पत्र बनाकर 397 योजनाओं व सेवाओं का लाभ प्रदान करने की प्रक्रिया को बेहद आसान बना दिया। आज अनेक राज्य हमारी परिवार पहचान पत्र योजना का अनुसरण कर रहे हैं। हमने बीपीएल की वार्षिक आय सीमा 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये कर अधिक से अधिक परिवारों को योजनाओं के लाभ के दायरे में लाने का काम किया। कबीरदास जी महज एक नाम नही वह मानवता की एक पूरी कहानी है। इसलिए वे अपनी वाणी में समाज में जिस अंतिम व्यक्ति की चिंता करते थे। उसी को ध्यान में रखते हुए चिरायु/आयुष्मान भारत योजना के तहत प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों को पांच लाख रुपये तक का सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा को शुरू किया गया। मानवता को मानवता की ओर ले जाने वाले कबीरदास जी के विचारों का ही प्रभाव रहा की हमारी सरकार ने सामाजिक सुरक्षा की वार्षिक आय, बेटियों की शादी पर शगुन राशि तथा बीपीएल परिवारों को मकान मरम्मत के लिए सहायता राशि को दो से तीन गुणा कर दिया। सुशासन में नयी पहल की प्रेरणा भी इस महान संत की वाणियों से मिलती रही जिसकी बदौलत प्रदेश के नागरिकों में यह विश्वास पैदा किया है कि सरकार उनकी है और वे सरकार के हैं। हमने अंत्योदय सरल पोर्टल के माध्यम से 54 विभागों की 675 योजनाएं और सेवाओं को ऑनलाइन किया। इसी तरह मेरे उपरांत वर्तमान में मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी के कुशल नेतृत्व में चल रही हरियाणा सरकार भी इसी महान संत के विचारों को आत्मसात कर जातिवाद, क्षेत्रवाद और भाई-भतीजावाद से ऊपर उठकर अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं पर तेजी से काम कर रही है। कबीर जी की वाणी ने हमेशा सभी इंसानों को एक समान मानते हुए उन्हें समानता का आचरण करने पर बल दिया। जात-पात का विरोध करते हुए उन्होंने प्रभु भक्ति का जो महान संदेश दिया, उसको सदियों तक याद किया जाएगा। कबीर जी ऐसे पहले सन्त हुए, जिन्होंने लोगों को व्यावहारिक जीवन शैली की भी शिक्षा प्रदान की। उन्होंने जुलाहे के तौर पर कपड़े बुनने का कार्य करते हुए न केवल परिवार का पालन-पोषण किया बल्कि संप्रदायों, जातियों और मतों को मानने वाले लोगों को एकता के सूत्र में पिरोने का भी कार्य किया। उनकी शिक्षाओं और सिद्धांतों पर चलते हुए हमें अपने जीवन का उत्थान करना चाहिए। इसलिए आप सभी को भी अपने स्तर पर सामाजिक बदलाव के लिए प्रयासरत रहना चाहिए ताकि प्रत्येक कमजोर व्यक्ति समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सके।
- लेखक केंद्रीय ऊर्जा एवं आवासन, शहरी विकास मंत्री है।

Advertisement

Advertisement
Advertisement