प्रदेश में खुलेंगे नये राशन डिपो, नहीं होगा किसी का एकाधिकार
चंडीगढ़, 27 जून (ट्रिन्यू)
हरियाणा में गरीब लोगों को सस्ते राशन की आपूर्ति के लिए खाद्य एवं आपूर्ति विभाग नये राशन डिपो स्थापित करेगा। राशन डिपो मैरिट पर अलॉट किए जाएंगे। इनमें किसी तरह का एकाधिकार नहीं चलेगा। बृहस्पतिवार को चंडीगढ़ में विभाग के आला अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा ने इस संदर्भ में हिदायतें जारी की। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे समय पर राशन वितरित सुनिश्चित करें। इस मामले में कोताही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग जनता से जुड़ा एक अति महत्वपूर्ण विभाग है। इसकी साख को बनाये रखना सभी अधिकारियों की जिम्मेदारी है। मुख्यालय के अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि पीओएस मशीनों की खरीद की निविदा प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो। बैठक में बताया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम-2013 राज्य में 20 अगस्त, 2013 से लागू हुआ था। इसके तहत अंत्योदय अन्न योजना परिवार तथा प्राथमिक परिवार के लाभार्थी शामिल हैं।
प्रदेश में 2.92 लाख अंत्योदय अन्न योजना के राशन कार्ड तथा 43.33 लाख बीपीएल कार्ड हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत वर्तमान में प्रतिमाह 98 हजार मीट्रिक टन अनाज की आवश्यकता होती है जिसमें भारत सरकार 66,250 मीट्रिक टन गेहूं का आवंटन करती है, शेष 31,000 मीट्रिक टन गेहूं राज्य सरकार अपने खर्चे पर वहन करती है। अधिनियम के तहत अंत्योदय अन्न योजना परिवारों को 35 किलोग्राम गेहूं तथा बीपीएल परिवारों को प्रति सदस्य 5 किलोग्राम गेहूं दिया जाता है।
परिवार पहचान पत्र के तहत सत्यापित 1 लाख 80 हजार रुपये की वार्षिक आय वाले परिवारों को राज्य सरकार की अंत्योदय आहार योजना के तहत 2 लीटर सरसों का तेल भी दिया जाता है। राज्य सरकार गेहूं पर 89 करोड़ रुपये, सरसों के तेल पर 95 करोड़ रुपये तथा चीनी पर 11.13 करोड़ रुपए मासिक खर्च करती है।