लुधियाना में खुलेगा नया सरकारी मेडिकल कॉलेज
लुधियाना, 9 नवंबर ( निस )
लुधियाना में एक नया सरकारी मेडिकल कॉलेज खुलने वाला है, जो इस क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगा। यह शहर का पहला सार्वजनिक चिकित्सा संस्थान होगा। वर्तमान में प्राइवेट सेक्टर में क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (सीएमसीएच) और दयानंद मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) मौजूद हैं। देश में 10 नए ईएसआईसी मेडिकल कॉलेजों की स्थापना को मंजूरी दी गई है। इन कॉलेजों को पाने वाले अन्य नौ शहर अंधेरी (महाराष्ट्र), बसईदारापुर (दिल्ली), गुवाहाटी-बेलटोला (असम), इंदौर (मध्य प्रदेश), जयपुर (राजस्थान), नरोदा-बापूनगर (गुजरात), नोएडा, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) और रांची (झारखंड) हैं।
शुक्रवार को यहां यह जानकारी देते हुए सांसद राज्यसभा संजीव अरोड़ा ने कहा कि यह कॉलेज केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के तहत कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) द्वारा स्थापित किया जाएगा, जिसमें शुरूआती तौर पर एमबीबीएस स्नातक की 50 सीटें होंगी।
उन्होंने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कॉलेज परिसर के लिए 10 एकड़ जमीन आवंटित करने पर सहमति जताई है, जिसके अगले शैक्षणिक वर्ष तक संचालन शुरू करने की योजना है। हाल ही में मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में आयोजित एक बैठक में अरोड़ा को परियोजना के लिए लुधियाना के म्यूनिसिपल कमिश्नर के परामर्श से उपयुक्त भूमि खोजने का काम सौंपा गया था। अरोड़ा ने कहा कि हालांकि ईएसआईसी ने मूल रूप से 20 एकड़ जमीन का अनुरोध किया था, लेकिन राज्य सरकार शुरुआत में 10 एकड़ जमीन उपलब्ध कराएगी, साथ ही जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त जमीन आवंटित की जाएगी।
अरोड़ा, जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पर केंद्र की स्थायी समिति के सदस्य भी हैं, ने बताया कि परिसर ईएसआईसी मॉडल अस्पताल के पास स्थित होगा, ताकि कॉलेज और अस्पताल के बीच साझा सुविधा हो सके। 300 बिस्तरों वाला ईएसआईसी मॉडल अस्पताल, जो पहले से ही प्रसूति, स्त्री रोग और बाल रोग में माध्यमिक देखभाल और शिक्षण सुविधाएं प्रदान करता है, से सामान्य सर्जरी में भी अपनी शिक्षण सेवाओं का विस्तार करने की उम्मीद है।
ईएसआईसी की अधिसूचना के अनुसार, नया मेडिकल कॉलेज 50 सीटों की पेशकश करेगा और मौजूदा अस्पताल से जुड़ा होगा। नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के दिशा-निर्देशों के अनुसार कर्मचारियों के आवास और छात्र छात्रावास बनाए जाएंगे। कॉलेज का प्रबंधन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अधीन ईएसआईसी द्वारा किया जाएगा तथा एक डीन इसके संचालन की देखरेख करेगा।