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न खरीफ की बिजाई हुई, न बो पाये रबी की फसल, 15 अधिकारियों को लिखा पत्र

10:12 AM Nov 19, 2024 IST
रेवाड़ी के गांव पाल्हावास-पहराजवास के खेतों में जमा बरसाती पानी। -हप्र

रेवाड़ी, 18 नवंबर (हप्र)
जिला के गांव पाल्हावास व पहराजवास में बरसात का पानी अभी तक जमा है। जिसके कारण किसान न खरीफ की फसल इस क्षेत्र में बीज पाये न ही अब रबी की फसल बो पा रहे हैं। इस समस्या के समाधान के लिए गांव पाल्हावास के समाजसेवी कार्यकर्ता अनिल आर्य ने सरकार, प्रशासन और नहर विभाग समेत 15 अधिकारियों और नेताओं को जल्दी इस रुके हुए पानी की निकासी के लिए पत्र लिखा है। अनिल आर्य कहना है कि बरसाती पानी से इस क्षेत्र के करीब 100 एकड़ खेती की उपजाऊ भूमि हर वर्ष इस क्षेत्र में जलमग्न हो जाती है और अब भी 25 एकड़ में कई महीनों से यहां पानी खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि कोसली रोड के आसपास दोनों तरफ पर नहर डिस्ट्रीब्यूटरी के कारण रुकावट मानकर पहराजवास की लगती हुई सीमा में हर वर्ष यह जल भराव होता है। लेकिन नहर विभाग निकासी की कोई त्वरित कार्रवाई अमल में नहीं लाता।
ग्राम पंचायत द्वारा तेल उपलब्ध करवाने पर भी किसानों को प्रशासन द्वारा इंजन ऑपरेटर की सेवा उपलब्ध नहीं करवाई जाती। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारियों से बात की तो अधिकारियों का कहना है कि फ्लड सीजन 30 सितंबर तक ही माना जाता है। अब निकासी के लिए इंजन आदि का केवल सोर्स ही उपलब्ध करवाया जा सकता है, ऑपरेटर विभाग की ओर से नहीं उपलब्ध करवाया जा सकता। इंजन पुराने पड़े हैं और अक्सर खराब हो जाते हैं। इसलिए उन्हें ठीक कराने, लाने ले जाने और लगाने-उठाने की किसानों के सामने बड़ी परेशानी आती है जो उनके बूते से बाहर है।
अनिल आर्य ने कहा कि यहां कि किसान न खरीफ की फसल इस क्षेत्र में बो पाए और न ही अब रवि की फसल बो पा रहे हैं। इन हालातों के चलते यह खेत बिना बिजाई के खाली ही पड़े रह जाते हैं और उन को इस क्षेत्र में फसल का बड़ा भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए उन्होंने इन किसानों की ओर यह मांग उठाई है कि सरकार एवं प्रशासन नहर विभाग के स्थानीय अधिकारियों को तुरंत यह आदेश दें कि सरकारी संसाधन से अपने कर्मचारी लगाकर जल्द से जल्द इन खेतों की जल निकासी करवाए सरसों की बजाई तो यह बेचारे किसान इस वजह से नहीं कर सके,कम से कम गेहूं की बिजाई करने के लायक तो उनके यह खेत हो सकें। आर्य ने कहा है कि भाजपा की सरकार किसान-हितैषी है तो किसानों की इस पीड़ा को शीघ्रातिशीघ्र दूर करे।

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