नेहरू स्मारक अब हुआ प्रधानमंत्री संग्रहालय
नयी दिल्ली, 16 जून (एजेंसी)
दिल्ली के तीन मूर्ति भवन परिसर में स्थित नेहरू स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी (एनएमएमएल) का नाम बदलकर ‘प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय सोसाइटी’ कर दिया गया है। तीन मूर्ति भवन भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का आधिकारिक आवास था। संस्कृति मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि एनएमएमएल की एक विशेष बैठक में इसका नाम बदलने का फैसला किया गया है। सोसाइटी के उपाध्यक्ष रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बैठक में नाम में बदलाव के प्रस्ताव का स्वागत किया। उन्होंने विभिन्न प्रधानमंत्रियों की यात्रा की इंद्रधनुष के विभिन्न रंगों से तुलना करते हुए इस बात पर जोर दिया कि इंद्रधनुष को सुंदर बनाने के लिए उसके सभी रंगों का उचित अनुपात में प्रतिनिधित्व किया जाना चाहिए। इसलिए प्रस्ताव में नया नाम दिया गया है, हमारे सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों का सम्मान किया गया है और इसकी सामग्री लोकतांत्रिक है। उधर, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि नेहरू स्मारक का नाम बदला जाना राजनीति से परे एक प्रयास है और विपक्षी दल के पास इसे महसूस करने के लिए दृष्टि की कमी है।
ब्रिटिश काल में सेना के कमांडर-इन-चीफ का आवास था : राष्ट्रीय राजधानी के बीच में स्थित प्रतिष्ठित तीन मूर्ति भवन 90 साल पहले भारत में ब्रिटिश सेना के कमांडर-इन-चीफ के निवास के लिए बनाया गया था और 1947 में देश की आजादी के बाद, प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू उसी भवन में रहे। देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू 27 मई, 1964 को अपने निधन तक तीन मूर्ति भवन में ही रहे। बाद में तीन मूर्ति भवन को नेहरू की विरासत को कायम रखने के लिए एक स्मारक में बदल दिया गया।
जिनका अपना इतिहास नहीं, वे दूसरों का मिटाने चले : कांग्रेस
कांग्रेस ने नेहरू स्मारक का नाम बदलने को लेकर केंद्र सरकार पर संकीर्ण सोच और प्रतिशोध से काम करने का आरोप लगाया। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि ऐसे कदम से पं. जवाहरलाल नेहरू की शख़्सियत को कम नहीं किया जा सकता। उन्होंने ट्वीट किया, ‘जिनका कोई इतिहास ही नहीं है, वो दूसरों के इतिहास को मिटाने चले हैं!’