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सरकारी अस्पतालों में लापरवाही पड़ेगी भारी, नपेंगे डॉक्टर व कर्मचारी

09:58 AM Apr 07, 2024 IST
डॉ जय कुमार

रमेश सरोए/ हप्र
करनाल, 6 अप्रैल
सरकारी अस्पताल, कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, प्राइमरी हेल्थ सेंटर, सब डिविजन अस्पताल, अर्बन डिस्पेंसरियों में मरीजों को पूरा एवं पर्याप्त इलाज की सुविधा मिले, इसके लिए सिविल सर्जन ने सख्त नियम बनाये हैं। नियम तोड़ने वाले डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों पर पैनी नजर रखी जाएगी। मरीजों को मिलने वाले इलाज में लापरवाही भारी पड़ सकती हैं और डॉक्टरों, कर्मचारियों को कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
सिविल सर्जन के नये निर्देशों में हर चीज का ध्यान रखा गया है, जिनके बारे में अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य सभी कर्मचारियों को अवगत करवा दिया हैं। नए निर्देशों के अनुसार मेडिकल ऑफिसर, एसएमओ अपने-अपने अधीन आने वाले अस्पतालों में हर माह 4-4 औचक निरीक्षण करेंगे, जिसकी रिपोर्ट सिविल सर्जन को भेजी जाएगी। डिप्टी सिविल सर्जनों को ब्लाक वाइज औचक निरीक्षण के आदेश दिए गए हैं।
अस्पतालों से मरीज को रैफर क्यों किया, इसका कारण रजिस्टर में लिखना होगा। हर माह रेफर किए मरीजों के बारे में तुलनात्मक अध्ययन किया जाएगा, रिपोर्ट मिलने के बाद पता लगाया जाएगा कि मरीज को रैफर करना आवश्यक था या नहीं। अगर मरीज को अनावश्यक तौर पर रैफर पाया गया तो ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर से स्पष्टीकरण लिया जाएगा। यहीं नहीं सभी अस्पतालों में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ बाकायदा ड्रेस में रहेंगे, डॉक्टरों, एंबुलेंस ओर मरीजों या अन्य लोगों के लिए अलग-अलग पार्किंग की व्यवस्था करवाने के सख्त आदेश जारी कर दिए हैं। मरीजों के साथ-साथ तीमारदारों के साथ डॉक्टरों व स्टाफ को अच्छा व्यवहार के भी निर्देश दिए गए हैं।
समय रहते दवाइयों की डिमांड भेजने के निर्देश
सभी अस्पतालों को सख्त आदेश दिए गए हैं कि अस्पतालों के लिए समय रहते दवाइयों की डिमांड भेजे ताकि तय समय से पहले दवा अस्पतालों में उपलब्ध हो। अस्पताल के अंदरसभी मरीजों को दवाइयां मिले।

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फोकस एक्सीडेंट, डिलीवरी केस पर

सिविल सर्जन डॉ़ जय कुमार ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में आने वाले हर मरीज को बेहतर इलाज मिले। इसके लिए सख्त गाइडलाइन जारी की हैं। अगर कोई भी डॉक्टर या पैरामेडिकल स्टाफ उसकी पालना नहीं करता तो उस पर नियम अनुसार सख्त एक्शन लिया जाएगा। इसके अलावा अस्पतालों में क्वालिटीयुक्त इलाज के लिए नए निर्देश दिए हैं। उनका पूरा फोकस एक्सीडेंट ओर डिलीवरी केस पर रहेगा।

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