नीट-यूजी सीबीआई केस दर्ज, बिहार और गुजरात भेजीं विशेष टीमें
नयी दिल्ली, 23 जून (एजेंसी)
मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए 5 मई को आयोजित नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए शिक्षा मंत्रालय द्वारा सीबीआई को जांच सौंपे जाने के एक दिन बाद रविवार को एजेंसी ने प्राथमिकी दर्ज की। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने मंत्रालय की ओर से जारी एक संदर्भ के आधार पर अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है।
एजेंसी विभिन्न राज्यों में पुलिस द्वारा दर्ज मामलों को भी अपने दायरे में लाने के लिए कदम उठा रही है। अधिकारियों ने बताया कि मामले को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सीबीआई ने विशेष दल गठित किये हैं, जो गोधरा और पटना रवाना हो गए हैं, जहां पुलिस ने प्रश्नपत्र लीक के मामले दर्ज किए हैं।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा, 'शिक्षा मंत्रालय ने सीबीआई से अभ्यर्थियों, संस्थानों और बिचौलियों द्वारा कथित अनियमितताओं के सम्पूर्ण पहलुओं की व्यापक जांच करने का अनुरोध किया है, जिसमें षड्यंत्र, धोखाधड़ी, अभ्यर्थी की जगह किसी और के परीक्षा में बैठने, विश्वासघात, साक्ष्यों को नष्ट करना शामिल है।' परीक्षा के आयोजन से जुड़े लोक सेवकों की संभावित भूमिका और पूरे घटनाक्रम एवं बड़ी साजिश भी जांच के दायरे में होगी।
इस बीच, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) के अधिकारियों ने दावा किया कि उनकी वेबसाइट व अन्य सभी वेब पोर्टल पूरी तरह सुरक्षित हैं और इनके हैक होने की खबरें गलत हैं। एनटीए का यह स्पष्टीकरण नीट-यूजी और यूजीसी-नेट सहित प्रतियोगी परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं को लेकर जारी विवाद के बीच आया है।
दोबारा परीक्षा : 1563 में से आधे ही पहुंचे
नीट-यूजी में जिन 1563 अभ्यर्थियों को पहले ग्रेस मार्क्स दिए गये थे, उनमें से 813 अभ्यर्थी रविवार को दोबारा परीक्षा में शामिल हुए। सात केंद्रों पर दोबारा परीक्षा आयोजित की गई। इस बीच, मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच एनटीए ने रविवार को 17 अभ्यर्थियों को परीक्षा देने पर रोक लगा दी, जिन्होंने 5 मई को बिहार के केंद्रों पर परीक्षा दी थी। एजेंसी ने पहले भी परीक्षा में अनुचित साधन अपनाने के आरोप में 63 अभ्यर्थियों को परीक्षा से बाहर कर दिया था। शनिवार को गुजरात के गोधरा से 30 अभ्यर्थियों के भी परीक्षा देने पर रोक लगा दी गई थी।
झारखंड के एक स्कूल से जुड़े ‘पेपर लीक’ के तार
अक्षीव ठाकुर/ ट्रिन्यू
नयी दिल्ली : नीट-यूजी मामले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच के अनुसार प्रश्नपत्र कथित तौर पर लीक होने के तार झारखंड के हजारीबाग के एक स्कूल से जुड़ रहे हैं। पुलिस ने पाया है कि हजारीबाग के ओएसिस स्कूल भेजे गये प्रश्नपत्रों को पैक करने के लिए इस्तेमाल किए गए पॉलीबैग और एक ट्रंक के साथ छेड़छाड़ की गई थी। झारखंड के देवघर से शनिवार को गिरफ्तार किए गये बलदेव कुमार उर्फ चिंटू को 5 मई को परीक्षा शुरू होने से कुछ घंटे पहले, फोन पर हल किए गए प्रश्नों की एक पीडीएफ मिली थी। पुलिस ने कहा है कि चिंटू इस मामले में मुख्य संदिग्ध माने जा रहे संजीव कुमार उर्फ लुटन मुखिया के गिरोह से जुड़ा है। ईओयू के एक अधिकारी के अनुसार, 'मुखिया ने नीट परीक्षा से एक दिन पहले 4 मई को बिहार के पटना में लर्न बॉयज हॉस्टल एंड प्ले स्कूल में लगभग 25 उम्मीदवारों को ठहराया था। हल किए गए प्रश्न पत्र प्रिंट करने के लिए स्कूल के प्रिंटर का उपयोग किया गया था।' उन्होंने कहा, 'हल किए गए पेपर प्रिंट करने के बाद उम्मीदवारों को स्कूल से टैक्सियों में दो किलोमीटर दूर एक स्थान पर ले जाया गया और उत्तर रटाये गये। समय की कमी के कारण उम्मीदवार पूरा पेपर याद नहीं कर पाए।' बिहार पुलिस ने टैक्सियों को जब्त करके ड्राइवरों को गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक जांच के दौरान लर्न प्ले स्कूल से जले हुए प्रश्नपत्र मिले थे। इन्हें 20 जून को एनटीए द्वारा पुलिस को उपलब्ध कराए गए मूल प्रश्नपत्र से वेरीफाई किया गया। ईओयू अधिकारी ने कहा, 'हमने एनटीए से जले हुए प्रश्नपत्र पर बुकलेट नंबर का विवरण भी देने को कहा था और इसके तार ओएसिस स्कूल तक जुड़ते पाए गये। हम स्कूल के प्रिंसिपल अौर शिक्षकों से पूछताछ कर रहे हैं।’
मोदी सरकार का शीर्ष नेतृत्व ले घोटाले की जिम्मेदारी : कांग्रेस
कांग्रेस ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के बाद राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की नौकरशाही में फेरबदल को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर रविवार को निशाना साधते हुए कहा कि इसकी जिम्मेदारी दूसरों पर डालने के बजाय सरकार के शीर्ष नेतृत्व को खुद लेनी चाहिए।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी को एक स्वायत्त निकाय बताया गया, लेकिन असल में इसे भाजपा व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ‘कुटिल हितों’ को पूरा करने के लिए बनाया गया। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘नीट घोटाले की जिम्मेदारी मोदी सरकार के शीर्ष नेतृत्व को लेनी चाहिए। नौकरशाही में फेरबदल करना भाजपा द्वारा बर्बाद की गयी शिक्षा प्रणाली की समस्या का समाधान नहीं है।’ उन्होंने कहा कि छात्रों को न्याय दिलाने के लिए मोदी सरकार को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया, ‘पेपर लीक, भ्रष्टाचार, अनियमितताएं और शिक्षा माफिया हमारी शिक्षा प्रणाली में घुस गया है।'
नीट-पीजी परीक्षा स्थगित करने की आलोचना करते हुए राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पेपर लीक गिरोह और शिक्षा माफिया के आगे बेबस हैं। राहुल ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘यह नरेंद्र मोदी के राज में बर्बाद हो चुकी शिक्षा व्यवस्था का एक और दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है।’