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नीट विवाद : सीबीआई जांच की मांग पर केंद्र, एनटीए से जवाब तलब

07:01 AM Jun 15, 2024 IST
नयी दिल्ली में शुक्रवार को नीट मुद्दे पर प्रदर्शन करते अभ्यर्थी। - मुकेश अग्रवाल
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नयी दिल्ली, 14 जून (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी, 2024 में कथित अनियमितताओं की सीबीआई से जांच के अनुरोध वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने सीबीआई तथा बिहार सरकार से भी दो सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा। पीठ हितेन सिंह कश्यप द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा कि अन्य लंबित याचिकाओं के साथ ही इस जनहित याचिका पर 8 जुलाई को सुनवाई की जाएगी।
नीट-यूजी विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित मामलों को शीर्ष अदालत में ट्रांसफर करने के अनुरोध वाली एनटीए की याचिका पर पीठ ने निजी पक्षों को नोटिस जारी किया। पीठ ने एनटीए के वकील की इस दलील का संज्ञान लिया कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में अनेक याचिकाएं लंबित हैं, जिनमें नीट-यूजी, 2024 को प्रश्नपत्र लीक होने और अन्य गड़बड़ियों के आरोपों में निरस्त करने की मांग की गई है।

खामियां मिलीं तो जवाबदेही तय होगी : धर्मेन्द्र प्रधान

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि सरकार परीक्षा के संचालन में किसी भी तरह की गड़बड़ी या अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेगी और यदि कोई गड़बड़ी पाई गई तो राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) की जवाबदेही तय की जाएगी। किसी कार्रवाई के संबंध में प्रधान ने कहा, ‘हर पहलू पर गौर किया जा रहा है। जवाबदेही तय की जाएगी और चूक की प्रकृति के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।’ केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘पिछले वर्षों में नीट के पाठ्यक्रम में कटौती नहीं की गई थी। इस साल हमने प्रश्नों को राज्य बोर्ड के पाठ्यक्रम के साथ भी जोड़ा है। कम पाठ्यक्रम और उम्मीदवारों की अधिक संख्या ने भी प्रतिस्पर्धा को बढ़ाया और अंततः सर्वाधिक पर्सेंटाइल पाने वालों की संख्या में वृद्धि हुई।’

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कांग्रेस का आरोप- नीट घोटाला दूसरा व्यापम

कांग्रेस ने नीट-यूजी में कथित धांधली को लेकर शुक्रवार को इसे ‘व्यापम 2.0’ करार दिया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस पर मूकदर्शक बने नहीं रह सकते। पार्टी ने कहा कि मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में फोरेंसिक जांच होनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने एक बयान में आरोप लगाया कि मोदी सरकार और शिक्षा मंत्री व एनटीए ने नीट घोटाले की लीपापोती चालू कर दी है। उन्होंने सवाल किया, ‘अगर नीट में पेपर लीक नहीं हुआ तो बिहार में 13 आरोपियों को पेपर लीक के चलते गिरफ्तार क्यों किया गया? क्या रैकेट में शामिल शिक्षा माफिया व संगठित गिरोह को पेपर के बदले 30-50 लाख रुपये तक के भुगतान का पटना पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पर्दाफ़ाश नहीं किया? गुजरात के गोधरा में धोखाधड़ी करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ नहीं हुआ है? अगर मोदी सरकार के मुताबिक नीट में कोई पेपर लीक नहीं हुआ तो ये गिरफ्तारियां क्यों हुईं? क्या मोदी सरकार देश की जनता की आंखों में पहले धूल झोंक रही थी या अब?’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘मोदी सरकार ने एनटीए का दुरुपयोग कर स्कोर और रैंक की जोरदार धांधली की है, जिससे आरक्षित सीटों का कटऑफ भी बढ़ गया है।’

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