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पंजाबी के प्रमोशन के लिये ‘नई कलमें, नई उड़ान’ रिलीज़

07:11 AM Aug 29, 2024 IST
स्कूल के प्रिंसिपल राजिंदर सिंह कोटाला सुक्खी बाठ को सम्मानित करते हुए। -निस

समराला, 28 अगस्त (निस)
स्कूल स्तर पर विद्यार्थियों में लिखने और पढ़ने की रुचि पैदा करने के साथ-साथ मातृभाषा पंजाबी को प्रमोट करने के उद्देश्य से कनाडा में बसे ‘पंजाब भवन सरी’ (कनाडा) के संस्थापक सुक्खी बाठ द्वारा पंजाब के स्कूलों में शुरू की गई मुहिम ‘नई कलम, नई उड़ान’ के तहत आज यहां सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल (कन्या) में ‘नई कलमें, नई उड़ान’ पुस्तक का 20वां संस्करण जारी किया गया। इस पुस्तक का संपादन स्कूल की ही अध्यापिका डॉ. सुखपाल कौर द्वारा किया गया है। सुख्खी बाठ द्वारा पंजाबी भाषा को प्रमोट करने के लिए पंजाब के अलावा राजस्थान और हरियाणा में भी ऐसे प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। सुक्खी बाठ द्वारा इस मिशन के तहत अपने पिता सरदार अर्जन सिंह बाठ की याद में अच्छी रचनाएँ लिखने वाले विद्यार्थियों को 9 बाल पुरस्कार देने का भी संकल्प लिया गया है। पुस्तक में विद्यार्थियों द्वारा लिखी रचनाओं को संकलित किया गया है, जिनमें विषयों के विभिन्न रंग देखने को मिलते हैं। इस मौके पर स्कूल की छात्राओं को संबोधित करते हुए सुक्खी बाठ ने कहा कि नए लेखकों में आत्मविश्वास रचनात्मकता की पहली सीढ़ी है। उन्होंने कहा कि जीवन में सफल होने के लिए एक विद्यार्थी में आत्मविश्वास का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में समय के महत्व को पहचानने और स्वयं को अनुशासित रखते हुए जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया।
प्रोजेक्ट इंचार्ज ओंकार सिंह तेजे ने इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि प्रोजेक्ट ‘नई कलमें, नई उड़ान’ न केवल पंजाब बल्कि पड़ोसी राज्यों के साथ-साथ विदेशों में भी बड़ी सफलता के साथ चल रहा है, जिसके तहत बच्चों को पंजाबी भाषा के साथ जोड़ा जा रहा है। इस पुस्तक रिलीज़ के मौके पर विभिन्न स्कूलों के 38 विद्यार्थियों ने मंच से अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं। विशेष मेहमान के रूप में कार्यक्रम में शामिल होकर डिप्टी डीईओ (प्राथमिक) मनोज कुमार ने विद्यार्थियों के लिए चलाए जा रहे इस प्रोजेक्ट की प्रशंसा की और टीम लुधियाना के सदस्यगण डॉ. सुखपाल कौर, नरिंदर सिंह बिजलीपुर, करमजीत सिंह गरेवाल, गुरप्रीत सिंह बीर किशन और गगनदीप रोंथा को इस पुस्तक के लिए बधाई देते हुए कहा कि ऐसे प्रोजेक्ट्स विद्यार्थियों के विकास में अहम भूमिका निभाते हैं। डॉ. परमिंदर सिंह बैनिपाल ने कहा कि इलाके के लिए यह गर्व की बात है कि उन्हें इस पुस्तक को रिलीज़ करने का मौका मिला। समारोह के अंत में प्रिंसिपल रजिंदर सिंह कोटाला द्वारा आए हुए मेहमानों का धन्यवाद किया गया।

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