Nayab Singh Saini: ऐसा रहा नायब सिंह सैनी का सीएम पद तक पहुंचने का सफर
चंडीगढ़, 17 अक्तूबर 2024 (ट्रिन्यू)
Nayab Singh Saini: नायब सिंह सैनी ने आज लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। सैनी ने अपने संघर्ष और मृदुभाषिता से इस पद तक का सफर तय किया है। उनके कार्यों ने उन्हें कंप्यूटर ऑपरेटर से लेकर हरियाणा के शीर्ष पद तक पहुंचाया है।
नायब सिंह सैनी का जन्म हरियाणा के अंबाला जिले के मिर्जापुर गांव में हुआ। उन्होंने कानून की पढ़ाई (लॉ-ग्रेजुएट) की और अपने करियर की शुरुआत अंबाला स्थित भाजपा कार्यालय में एक कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में की। उनके कार्य और समर्पण ने जल्द ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का ध्यान आकर्षित किया, खासकर मनोहर लाल खट्टर का, जो उस समय आरएसएस और भाजपा के संगठनात्मक कार्यों में सक्रिय थे।
भाजपा किसान मोर्चा और युवा विंग में सक्रिय भूमिका
सैनी को भाजपा किसान मोर्चा का महासचिव बनाया गया, जहाँ उन्होंने पार्टी के लिए जमीनी स्तर पर महत्वपूर्ण कार्य किए। वह अंबाला युवा विंग के भी सक्रिय सदस्य रहे। इस दौरान संघ और भाजपा संगठन में उनके कार्यों ने उन्हें पार्टी में एक मजबूत नेता के रूप में उभरने का अवसर प्रदान किया।
पहली बार हारे, फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा
साल 2009 में सैनी ने नारायणगढ़ विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के टिकट पर अपना पहला चुनाव लड़ा, लेकिन कांग्रेस के रामकिशन गुर्जर के सामने हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, उन्होंने हार से हताश होने के बजाय इसे अपने राजनीतिक करियर की सीख के रूप में लिया। पांच साल बाद, 2014 में, उन्होंने फिर से नारायणगढ़ से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की, जिससे वे पहली बार हरियाणा विधानसभा पहुंचे।
2019 में सांसद और 2024 में मुख्यमंत्री
सैनी की राजनीतिक यात्रा यहीं नहीं रुकी। 2019 में उन्हें कुरुक्षेत्र से सांसद चुना गया। उनकी संगठनात्मक क्षमता और कार्यशैली ने पार्टी नेतृत्व को प्रभावित किया, और 2023 में उन्हें हरियाणा भाजपा का प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया। पार्टी में उनकी इस महत्वपूर्ण भूमिका ने उन्हें राज्य की राजनीति में एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित कर दिया।
कुछ ही महीनों बाद, मार्च 2024 में, उन्हें मनोहर लाल खट्टर की जगह हरियाणा के मुख्यमंत्री के रूप में चुना गया। मनोहर लाल के साथ उनके करीबी रिश्तों और पुरानी पहचान ने उनकी इस नियुक्ति में अहम भूमिका निभाई। सैनी के लिए यह मौका राजनीतिक रूप से एक बड़ी उपलब्धि थी, जिसे उन्होंने अपने समर्पण और नेतृत्व क्षमता से हासिल किया।
राज्य मंत्री से मुख्यमंत्री तक की भूमिका
2014 में विधायक बनने के बाद, 2015 में सैनी को मनोहर लाल खट्टर की कैबिनेट में बतौर राज्य मंत्री शामिल किया गया। इसके बाद, उनका कद लगातार बढ़ता गया और उन्होंने राज्य की राजनीति में एक मजबूत नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई।