For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

Nayab Singh Saini Cabinet: भाजपा ने की कैबिनेट के जरिये राज्य में जातिगत संतुलन बनाने की कोशिश

03:03 PM Oct 17, 2024 IST
nayab singh saini cabinet  भाजपा ने की कैबिनेट के जरिये राज्य में जातिगत संतुलन बनाने की कोशिश
Advertisement

दिनेश भारद्वाज, ट्रिब्यून न्यूज सर्विस, चंडीगढ़, 17 अक्तूबर

Advertisement

Nayab Singh Saini Cabinet: हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने वाली भाजपा ने कैबिनेट गठन में जातिगत संतुलन साधने की कोशिश की है। इस बार भाजपा ने 2014 से भी अधिक यानी 48 विधायकों के साथ पूर्ण बहुमत से सरकार का गठन किया है।

चुनावों में भाजपा का खुलकर साथ देने वाली जातियों को भी इस बार सरकार में पूरा मान-सम्मान देने की कोशिश की है। प्रदेश के बड़े पिछड़ा वर्ग वोट बैंक को साथ जोड़े रखने के लिए इस कोटे से पांच विधायकों को कैबिनेट में जगह मिली है।

Advertisement

हालांकि इस बार कैबिनेट में पंजाबी चेहरों की संख्या कम है। पंजाबी कोटे से अकेले अनिल विज की कैबिनेट मंत्री बने हैं। मनोहर सरकार के पहले कार्यकाल में मुख्यमंत्री के अलावा दो पंजाबी विधायकों को मंत्री बनाया गया था। इनमें अनिल विज कैबिनेट मंत्री थे वहीं रोहतक से विधायक रहे मनीष कुमार ग्रोवर राज्य मंत्री थे।

वहीं दूसरे कार्यकाल में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के अलावा अनिल विज शामिल थे। नायब सरकार के पहले कार्यकाल में पंजाबी कोटे से सुभाष सुधा और सीमा त्रिखा को राज्य मंत्री बनाया गया था।

भाजपा ने कैबिनेट गठन में भी बैकवर्ड वोट बैंक को अपने साथ जोड़े रखने की कोशिश की है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी खुद पिछड़ा वर्ग से आते हैं। इसी तरह पिछड़ा वर्ग कोटे से चार विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया है। इनमें अहीर कोटे से बादशाहपुर विधायक राव नरबीर सिंह और अटेली विधायक आरती सिंह राव को कैबिनेट मंत्री बनाया है। पिछड़ा वर्ग के तहत ही गुर्जर कोटे से तिगांव विधायक राजेश नागर को स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री बनाया है।

वहीं बीसी-ए कोटे से बरवाला विधायक रणबीर सिंह गंगवा को नायब मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया है। यानी भाजपा ने पिछड़ा वर्ग में बीसी-ए और बीसी-बी की जातियों को साधने की कोशिश की है। यह पहला मौका है जब भाजपा के 7 ब्राह्मण विधायक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। प्रदेश के ब्राह्मण वोट बैंक ने खुलकर भाजपा का साथ दिया। ऐसे में भाजपा ने भी समाज को अपने साथ जोड़े रखने की कोशिश करते हुए ब्राह्मण कोटे से दो विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया है।

चार बार के सांसद और गोहाना विधायक डॉ. अरविंद शर्मा को कैबिनेट मंत्री बनाया है। वहीं पलवल से पहली बार विधायक बने गौरव गौतम को भी ब्राह्मण कोटे से नायब सरकार में स्वतंत्र प्रभार के साथ राज्य मंत्री बनाया गया है। प्रदेश के बड़े जाट वोट बैंक को साधने की कोशिश भी भाजपा कैबिनेट गठन में करती नज़र आई है। नायब मंत्रिमंडल में दो जाट विधायकों को जगह मिली है और दोनों को ही कैबिनेट मंत्री बनाया गया है।

नायब सरकार में राज्य मंत्री रहे महिपाल सिंह ढांडा को इस बार कैबिनेट मंत्री बनाया है। इसी तरह तोशाम से विधायक बनीं श्रुति चौधरी भी कैबिनेट मंत्री बनी हैं। हरियाणा में राजपूत समाज भी कई हलकों में राजनीतिक रूप से काफी निर्णायक है। इस वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने रखने की कोशिश के बीच भाजपा ने रादौर विधायक श्याम सिंह राणा को कैबिनेट मंत्री बनाया है। पूर्व में वे मुख्य संसदीय सचिव भी रह चुके हैं। वहीं वैश्य कोटे से भाजपा ने फरीदाबाद से दो बार के विधायक विपुल गोयल को कैबिनेट मंत्री बनाया है। वे मनोहर पार्ट-। में भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।

दलितों को भी साधा गया

भाजपा की नायब सरकार ने प्रदेश के दलित वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने की सोच के बीच इस बार दो दलित चेहरों को बतौर कैबिनेट मंत्री सरकार में शामिल किया है। नायब सरकार के पहले कार्यकाल में भी दो एससी चेहरों को शामिल किया था। इनमें बनवारी लाल कैबिनेट और बिशम्बर वाल्मीकि राज्य मंत्री थे। वहीं अब बनाई गई कैबिनेट में इस समाज से दो कैबिनेट मंत्री होंगे। इसराना विधायक कृष्ण लाल पंवार और नरवाना विधायक कृष्ण कुमार बेदी को मंत्रिमंडल में बतौर कैबिनेट मंत्री जगह मिली है।

नौ पार्लियामेंट कवर, एक से कोई नहीं

हरियाणा में पार्लियामेंट की दस सीटों में से नौ को सरकार में जगह मिल गई है। मनोहर सरकार की तरह ही रोहतक पार्लियामेंट का इस बार नायब सरकार में भी साझा नहीं हो पाया है। इस पार्लियामेंट के नौ हलकों में से सात पर कांग्रेस ने जीत हासिल की है। कोसली से भाजपा के अनिल ढहीना और बहादुरगढ़ से निर्दलीय राजेश जून चुनाव जीते हैं।

अंबाला पार्लियामेंट से अनिल विज कैबिनेट में शामिल हुए हैं। कुरुक्षेत्र पार्लियामेंट से खुद मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हैं। साथ ही रादौर विधायक श्याम सिंह राणा भी मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। करनाल पार्लियामेंट से दो मंत्री – कृष्ण लाल पंवार व महिपाल सिंह ढांडा मंत्री बने हैं।

वहीं सोनीपत पार्लियामेंट से गोहाना विधायक डॉ. अरविंद शर्मा, सिरसा पार्लियामेंट से नरवाना विधायक कृष्ण बेदी और हिसार पार्लियामेंट से बरवाला विधायक रणबीर सिंह गंगवा मंत्री बने हैं। भिवानी-महेंद्रगढ़ पार्लियामेंट से अटेली विधायक आरती सिंह राव तथा गुरुग्राम लोकसभा में बादहशापुर विधायक राव नरबीर सिंह मंत्री बने हैं। फरीदाबाद पार्लियामंेट को सबसे अधिक वेट मिला है। इस पार्लियामेंट से तीन विधायक मंत्रिमंडल में शामिल हुए हैं। इनमें विपुल गोयल, राजेश नागर और गौरव गौतम शामिल हैं।

नौ जिलों में सरकार का साझा नहीं

हरियाणा के 22 जिलों में से नौ ऐसे हैं, जिनका फिलहाल सरकार में साझा नहीं है। इनमें से नूंह, सिरसा, फतेहाबाद, रोहतक व झज्जर ऐसे जिले हैं, जहां विधानसभा चुनाव में भाजपा का खाता ही नहीं खुल पाया। पंचकूला के कालका से भाजपा की शक्ति रानी शर्मा, कैथल के पुंडरी से भाजपा के सतपाल जाम्बा विधायक हैं। करनाल की पांचों सीटों पर भाजपा विधायक हैं, लेकिन एक भी मंत्री नहीं बन पाया। पहली बार भाजपा ने दादरी जिलों की दोनों सीटों – दादरी व बाढ़डा में जीत हासिल की लेकिन यह जिला भी मंत्री पद से वंचित रहा। रेवाड़ी जिला की तीनों सीटों पर इस बार कमल खिला, लेकिन किसी भी विधायक को कैबिनेट में जगह नहीं मिल पाई।

जानिए किस जिले का कितना प्रतिनिधित्व

जिला मंत्री
अंबाला 01
यमुनानगर 01
कुरुक्षेत्र 01
पानीपत 02
सोनीपत 01
जींद 01
हिसार 01
भिवानी 01
महेंद्रगढ़ 01
गुरुग्राम 01
पलवल 01
फरीदाबाद 02

Advertisement
Tags :
Advertisement