Navjot Sidhu : सिद्धू को बड़ी राहत, HC ने कैंसर से ठीक होने संबंधी दावे के विरूद्ध याचिका पर विचार करने से किया इनकार
दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू के इस दावे के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया कि कुछ उपचारों से उनकी पत्नी को चौथे चरण के कैंसर से लड़ने में मदद मिली।
न्यायालय ने कहा कि देश में अब भी अभिव्यक्ति की आजादी है। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने कहा कि पूर्व क्रिकेटर ने बस अपना विचार व्यक्त किया था और याचिकाकर्ता भी अपना प्रतिदावा करने के लिए स्वतंत्र है। पीठ ने कहा, ‘‘वह बस अपना विचार रख रहे हैं। पत्रकार वार्ता करके उनके दावे पर जवाब दीजिए।
अभिव्यक्ति की आज़ादी का जवाब अभिव्यक्ति की आजादी से दीजिए, न कि कानूनी कार्रवाई या अवमानना के डर से उनकी बोलने की आजादी पर अंकुश लगाकर। इस देश में अब भी बोलने की आजादी है।'' पीठ ने यह भी कहा, ‘‘आप यह नहीं कह सकते कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर अंकुश लगा दिया जाए। आप उनके दावे का जवाब दीजिए। यह हमारा क्षेत्राधिकार नहीं है। यदि आप इस सज्जन के विचारों से सहमत नहीं हैं, तो उनकी बात न सुनें। ऐसी बहुत सी पुस्तकें हैं जो आपको खराब लग सकती हैं, उन्हें न पढ़ें।
आपको उन्हें पढ़ने के लिए कौन कह रहा है? अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मतलब यह नहीं है कि उन्हें अदालत में लाकर और अवमानना के डर से रोक दिया जाए।''जब हाईकोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि रिट याचिका पर विचार नहीं किया जा सकता है, तब याचिकाकर्ता ने उसे वापस लेने की अनुमति मांगी। हाईकोर्ट ने कहा, ‘‘ हम इस पर रिट याचिका पर गौर नहीं कर सकते। हजारों लोग दावा करते हैं कि वे किसी चीज से ठीक हो गये लेकिन इसका यह मतलब तो नहीं है कि आप उनके विरूद्ध कार्रवाई की मांग करेंगे।''
सिद्धू ने 21 नवंबर को अमृतसर में पत्रकार वार्ता में कहा था कि उनकी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू को कैंसर मुक्त घोषित कर दिया गया है और उनके ठीक होने में आहार एवं जीवनशैली में बदलाव की भूमिका है।