Nautapa 2025 : पुरानी सीख, नया नजरिया... नौतपा में इन कामों से क्यों परहेज करती हैं दादी-नानी?
चंडीगढ़, 26 मई (ट्रिन्यू)
Nautapa 2025 : नौतपा (या नौतप्पा) हिंदू पंचांग के अनुसार वह नौ दिन होते हैं जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है। यह समय आमतौर पर मई के अंत और जून की शुरुआत के बीच आता है। 2025 में भी नौतपा का आरंभ 25 मई से हो चुका है। इस दौरान पृथ्वी पर सूर्य की किरणें अत्यंत तीव्र होती हैं और तापमान चरम सीमा पर पहुंचता है। इसे गर्मी का सबसे अधिक प्रभावी और उग्र काल माना जाता है। इन नौ दिनों में कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना अत्यंत आवश्यक होता है। आइए जानते हैं कि नौतपा के दौरान किन चीजों से बचना चाहिए...
क्रोध और वाद-विवाद से बचें
नौतपा को ऊर्जा और ताप का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में मन और मस्तिष्क को शांत रखना जरूरी होता है। क्रोध, विवाद या मानसिक तनाव से शरीर और वातावरण दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
नकारात्मक विचार और कटु वचन न बोलें
ज्योतिष के अनुसार नौतपा के समय हमारे बोले गए शब्दों और विचारों का प्रभाव दीर्घकालिक हो सकता है। इसलिए सकारात्मक सोच बनाए रखें और कटु या नकारात्मक शब्दों का प्रयोग न करें।
पूजा-पाठ और ध्यान को न टालें
यह समय आध्यात्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण होता है। नौतपा के दौरान भगवान सूर्य की उपासना, जल अर्पण, और ध्यान करने से मानसिक शांति और ऊर्जा की प्राप्ति होती है।
घर की साफ-सफाई पर दें ध्यान
नौतपा के दौरान घर के प्रत्येक कोने की सफाई करना अत्यंत आवश्यक है। विशेष रूप से रसोई, मुख्य द्वार और पूजा स्थल को स्वच्छ रखें। गंदगी से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है, जो पारिवारिक कलह और अस्वस्थता को जन्म दे सकती है।
मुख्य द्वार पर लगाएं मंगल प्रतीक
मुख्य द्वार को वास्तु में ‘मुख’ माना गया है। नौतपा में द्वार पर स्वास्तिक, ॐ, या श्री गणेश जी का चित्र बनाना शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा प्रवेश करती है और नकारात्मक ऊर्जा बाहर रहती है।
जल तत्व का संतुलन बनाए रखें
नौतपा में अग्नि तत्व अत्यधिक सक्रिय होता है, इसलिए जल तत्व को संतुलित करने के लिए उत्तर-पूर्व दिशा में जल से भरे तांबे या मिट्टी के पात्र रखें। आप वहां छोटा सा फव्वारा या तुलसी का पौधा भी रख सकते हैं, जिससे वातावरण शुद्ध होता है।
घर में रखें हरे पौधे
गर्मी के इस समय में हरे पौधे न केवल वातावरण को ठंडा रखते हैं, बल्कि यह सकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ाते हैं। तुलसी, मनी प्लांट, एलोवेरा जैसे पौधों को घर के उत्तर या पूर्व दिशा में रखें।
रसोईघर में न करें अग्नि का अत्यधिक प्रयोग
नौतपा के दौरान रसोई में तेलीय और गरिष्ठ भोजन बनाने से बचें। ज्यादा समय तक गैस जलाना अग्नि तत्व को बढ़ाता है, जिससे घर का तापमान और मानसिक तनाव दोनों बढ़ सकते हैं।
सीधे सूर्य के प्रकाश का प्रवेश कराएं
वास्तु के अनुसार घर में प्राकृतिक सूर्य प्रकाश का प्रवेश शुभ होता है। नौतपा में पूर्व दिशा की खिड़कियां खुली रखें, ताकि प्रातःकालीन सूर्य की किरणें घर में प्रवेश कर सकें। इससे वातावरण शुद्ध और ऊर्जावान रहता है।
इन बातों का भी रखें ध्यान
स्कंद पुराण और ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार, नौतपा में सूर्यदेव अपनी किरणों से धरती को शुद्ध करते हैं इसलिए इस दौरान कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
- नौतपा के दौरान मांस-मदिरा से परहेज करना चाहिए
- इस दौरान कोई शुभ कार्य जैसे हवन , शादी-ब्याह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि नहीं करना चाहिए।
- इस दौरान सूर्य से संबंधित वस्तुओं जैसे-सोना, केसर आदि का अनादर ना करें।
- अगर इस दौरान घर पर कोई जरूरतमंद आए तो उसे खाली हाथ न भेंजे।
- नौतपा के दौरान दान आदि करना भी बहुत शुभ माना जाता है।
डिस्केलमनर: यह लेख/खबर धार्मिक व सामाजिक मान्यता पर आधारित है। dainiktribneonline.com इस तरह की बात की पुष्टि नहीं करता है।