PGI चंडीगढ़ में हेपेटोलॉजी पर राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य आगाज़
ट्रिब्यून न्यूज सर्विस
चंडीगढ़ , 19 अक्टूबर
चंडीगढ़ स्थित पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) के हेपेटोलॉजी विभाग द्वारा ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS), नई दिल्ली और संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट, लखनऊ के सहयोग से "करंट पर्सपेक्टिव्स इन लिवर डिजीज (CPLD) 2024" सम्मेलन का आयोजन 19 और 20 अक्टूबर 2024 को किया जा रहा है। यह दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन PGIMER के भार्गव ऑडिटोरियम में हो रहा है, जिसमें लिवर रोगों के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा की जाएगी।
ऑटोइम्यून लिवर डिजीज (AILD) पर केंद्रित
CPLD सम्मेलन हर साल आयोजित किया जाता है, जिसकी शुरुआत वर्ष 2000 में हुई थी। इसे PGIMER और AIIMS के बीच बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। पिछले तीन वर्षों से SGPGI, लखनऊ भी इस आयोजन का हिस्सा है। इस वर्ष का मुख्य विषय ऑटोइम्यून लिवर डिजीज (AILD) है, जो एक गंभीर और सामान्य रूप से उपेक्षित क्रॉनिक लिवर रोग है। इस रोग में शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली लिवर पर आक्रमण करती है, जिससे लिवर सिरोसिस और लिवर फेलियर जैसी जटिलताएं उत्पन्न हो सकती हैं।
उद्घाटन समारोह
इस सम्मेलन का उद्घाटन 19 अक्टूबर को PGIMER के पूर्व प्रोफेसर और हेपेटोलॉजी विभाग के प्रमुख, प्रो. जे.बी. दिलवारी द्वारा किया गया, जो 1998 में PGI से सेवानिवृत्त हुए थे। उनके साथ प्रो. आर.के. राठो (डीन अकादमिक) और प्रो. संजय जैन (डीन रिसर्च), PGIMER चंडीगढ़ भी उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि रहे। अन्य प्रमुख हस्तियों में SGPGI लखनऊ के निदेशक और CPLD-2024 के सह-अध्यक्ष प्रो. आर.के. धीमान, AIIMS नई दिल्ली के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के HOD प्रो. प्रमोद गर्ग, PGIMER के हेपेटोलॉजी विभाग के HOD और CPLD-2024 के अध्यक्ष प्रो. अजय दुसेजा, और आयोजन सचिव डॉ. सुनील तनेजा शामिल थे।
सम्मेलन की प्रमुख चर्चाएं
राष्ट्रीय स्तर पर लिवर रोगों के विशेषज्ञ इस दो दिवसीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं और लिवर रोगों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर रहे हैं। इनमें मेटाबोलिक डिसफंक्शन-एसोसिएटेड स्टेटोटिक लिवर डिजीज (MASLD), शराब से संबंधित लिवर रोग (ALD), क्रॉनिक वायरल हेपेटाइटिस (HBV और HCV), ऑटोइम्यून लिवर डिजीज, वैस्कुलर डिजीज, सिरोसिस की जटिलताएं, तीव्र लिवर फेलियर और लिवर कैंसर जैसे विषयों पर चर्चा शामिल है।
लिवर रोग के इलाज में अहम योगदान
आज के समय में लिवर रोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, खासकर फैटी लिवर, शराब से संबंधित लिवर रोग और लिवर कैंसर के मामलों में। इस परिस्थिति में, चिकित्सकों के लिए हेपेटोलॉजी के क्षेत्र में नवीनतम जानकारी से अपडेट रहना जरूरी हो गया है। इस सम्मेलन में देशभर से 350 से अधिक प्रतिभागी और 125 से ज्यादा विशेषज्ञ भाग ले रहे हैं, जिससे लिवर रोग के इलाज में सुधार की उम्मीद है।