भाजपा के सभी विधायकों व पूर्व सांसदों के नाम चुनाव पैनल में शामिल
दिनेश भारद्वाज/ ट्रिन्यू
चंडीगढ़, 23 अगस्त
हरियाणा में सत्तारूढ़ भाजपा ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों के नाम पर मोटे तौर पर मंथन कर लिया है। गुरुग्राम स्िथत पार्टी कार्यालय गुरु कमलम में लगातार दो दिन– बृहस्पतिवार और शुक्रवार को हुई स्टेट इलेक्शन कमेटी की बैठक में सभी 90 हलकों के संभावित प्रत्याशियों को लेकर विचार-विमर्श किया गया। केंद्रीय शिक्षा मंत्री व हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में बनाए गए पैनल अब केंद्रीय चुनाव समिति के पास जाएंगे।
स्टेट इलेक्शन कमेटी ने तीन-चार बिंदुओं पर अहम फैसले लिए हैं। कमेटी ने पार्टी के सभी मौजूदा 41 विधायकों के नाम पैनल में शामिल किए हैं। हालांकि इन सभी को टिकट मिल पाएगा, इसकी गारंटी नहीं है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी किस हलके से चुनाव लड़ेंगे, यह तय नहीं हुआ है। उनके लिए चार हलके- नारायणगढ़, करनाल, लाडवा और रादौर रिजर्व रखे गए हैं।
पूर्व सांसदों को भी चुनाव लड़वाने का फैसला लिया गया है। पूर्व सांसद व केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य डॉ. सुधा यादव, अशोक तंवर, संजय भाटिया, डॉ. अरविंद शर्मा व सुनीता दुग्गल आदि के नाम पैनल में शामिल हैं। सूत्रों की मानें तो अशोक तंवर को झज्जर से चुनाव लड़वाया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को उनकी बेटी आरती राव के लिए टिकट का ऑफर दिया गया है। आरती के लिए कोसली और अटेली हलके को रिजर्व रखा गया है। इनमें से एक सीट चुनने का फैसला आरती पर ही छोड़ा जाएगा। केंद्रीय मंत्री व फरीदाबाद के सांसद कृष्णपाल गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी का भी नाम इलेक्शन कमेटी ने पैनल में शामिल किया है।
पहली लिस्ट महीने के आखिर तक संभव
भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 25 अगस्त को होनी है। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में जम्मू-कश्मीर पर चर्चा हो सकती है। 26-27 अगस्त को केंद्रीय चुनाव समिति की फिर से बैठक होगी, जिसमें हरियाणा पर मंथन संभव है। ऐसे में हरियाणा के प्रत्याशियों की पहली सूची इस माह के आखिर तक ही आने की उम्मीद है। पहली सूची में करीब 24 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान संभव है। सूत्रों का कहना है कि स्टेट इलेक्शन कमेटी ने तीन दर्जन के लगभग विधानसभा सीटों पर सिंगल नाम के पैनल बनाए हैं। बाकी हलकों में दो से तीन नेताओं के नाम पैनल में शामिल हैं।
गुरुग्राम के बाद दिल्ली में प्रधान के आवास पर हुई बैठक
बृहस्पतिवार को इलेक्शन कमेटी की बैठक में पांच जिलों– गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह व रेवाड़ी के अंतर्गत आने वाले हलकों को लेकर मंथन किया गया था। शुक्रवार को हुई बैठक में बाकी 17 जिलों के हलकों पर विचार-विमर्श किया गया। सुबह 11 से शाम 7 बजे तक मैराथन बैठकें चली। देर रात धर्मेंद्र प्रधान की नयी दिल्ली स्थित कोठी पर 'छोटी टोली' की बैठक हुई। इस बैठक में प्रधान के अलावा चुनाव सह-प्रभारी व त्रिपुरा के पूर्व सीएम बिप्लब कुमार देव, प्रदेशाध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली, सीएम नायब सिंह सैनी, पूर्व सीएम व केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल, हरियाणा मामलों के प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया, सह-प्रभारी सुरेंद्र नागर व संगठन महामंत्री फणीन्द्र नार्थ शर्मा सहित चुनींदा नेता ही मौजूद रहे। वहीं, स्टेट इलेक्शन कमेटी की बैठक में प्रो. रामबिलास शर्मा, ओमप्रकाश धनखड़, सुधा यादव, अनिल विज, कैप्टन अभिमन्यु, राव इंद्रजीत सिंह, कृष्णपाल गुर्जर सहित कमेटी के अधिकांश सदस्य मौजूद रहे। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि 'छोटी टोली' की बैठक में स्टेट इलेक्शन कमेटी की बैठक में तय किए गए पैनलों पर फिर से मंथन हुआ। कोशिश यह की जा रही है कि केंद्रीय चुनाव समिति के पास भेजे जाने वाले पैनल छोटे किए जाएं। माना जा रहा है कि शनिवार को पैनलों को अंतिम रूप देकर पार्टी नेतृत्व को सौंपा जा सकता है। भाजपा के कई मौजूदा मंत्रियों व विधायकों के टिकट पर तलवार लटकी है।