सूची से नाम गायब, वोट डालने पहुंचे लोग बैरंग लौटे
मोहाली,15 अक्तूबर (हप्र)
लोकसभा चुनाव में मतदान किया, विधानसभा चुनाव में मतदान किया लेकिन पंचायत चुनाव से वोट ही गायब। जिला मोहाली के कई मतदान केंद्रों में ऐसा ही हुआ। जहां गांव के मतदाता उत्साह के साथ वोट डालने के लिए तो पहुंचे लेकिन बैरंग लौट गए। वजह थी उनका नाम पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट में था ही नहीं।
बहलोलपुर में रहने वाले दिलबाग सिंह ने बताया कि उन्होंने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में तो वोट डाला था लेकिन अपने ही गांव में होने वाले पंचायत चुनाव में वह वोटिंग से वंचित रह गए क्योंकि उनका नाम पंचायत चुनाव वोटिंग लिस्ट से गायब था। उन्होंने बताया कि वह उत्साह के साथ मतदान करने आए थे लेकिन उनकी यह इच्छा अधूरी रह गई। सुषमा ने बताया कि उन्हें ग्राम पंचायत के चुनाव में मतदान न कर पाने का अफसोस रहेगा। उन्होंने कहा कि वह मतदान केंद्र में वोट डालने आई थीं लेकिन जब यहां आकर वोटर लिस्ट चेक की तो पता चला कि उनका नाम ही गायब है। डेहरी देवी ठाकुर ने बताया कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव में जब वोट था तो ग्राम पंचायत चुनाव के लिए बनाई गई वोटर लिस्ट से उनका नाम कैसे गायब हो गया। ममता गौड़ ने बताया कि वह सुबह-सुबह ही मतदान के लिए पहुंच गई थीं और काफी देर तक यहां परेशान होती रहीं। कई बार लिस्ट को चेक किया लेकिन उनका नाम ही नहीं मिला।
राधेश्याम, धन्नोदेवी, मुस्तकौम अहमद और आयशा परवीन भी मतदान केंद्र तक आए लेकिन मतदान से वंचित रह गए। इस मामले में प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि पंचायत चुनाव की वोटर लिस्ट में नाम चेक करने के लिए कई बार जानकारी दी गई थी। काफी लोगों ने नाम चेक भी किए और जिनके नाम नहीं थे उन्हें डाक्यूमेंटेशन के बाद लिस्ट में डाला भी गया।
कुछ जगह वोटरों में बहस, मतदान रुका
मोहाली जिले में पंचायती चुनावों के दौरान मंगलवार को छिटपुट जगह वोटरों की बहसबाजी के बाद कुछ समय के लिए मतदान रोक दिया गया। जिले के गांव सनेटा में लोगों ने आरोप लगाया कि वोट डालने आए लोगों को जानबूझ कर देरी करवाई गई जिससे कि मतदान कम हो। उन्होंने कहा कि जब पोलिंग बूथ पर इस बात का पता चला तो लोगों ने इसका विरोध किया। लोगों का आरोप था कि वोट डालने के लिए लाइनों में खड़े वोटरों को वोट डालने नहीं दिया जा रहा था। उन्हें देरी करवाई जा रही थी। यहां तक कि लोगों ने मौके की वीडियो भी बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल की। पुलिस के हस्तक्षेप के बाद लोगों को शांत करवाया गया और कुछ समय के लिए रुका मतदान दोबारा शुरू करवाया गया। इसी तरह गांव जुझार नगर में भी कुछ समय के लिए मतदान रोक दिया गया था। कारण बताया जा रहा था कि उम्मीदवारों के कुछ समर्थक मतदान परिसर के अंदर आ गए थे जबकि कानून के अनुसार कोई भी समर्थक 100 मीटर के अंदर प्रवेश नहीं कर सकता। इस पर दूसरी पार्टी के उम्मीदवारों ने एतराज जताया। लोगों ने आरोप लगाया कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि यहां पर पुलिस अधिकारी मौजूद नहीं थे। मुख्य गेट पूरी तरह से खाली था, जिस कारण उम्मीदवारों के समर्थक मतदान परिसर तक पहुंच गए। बाद में हंगामे की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और एक पक्ष के समर्थकों को वहां से बाहर निकाल मतदान दोबारा शुरू करवाया।
"हमने पंचायत चुनाव के लिए कई माह पहले से ही कई माध्यमों से वोटरों को जागरूक किया था कि पंचायत की मतदाता सूची में अपने नाम चेक कर लें। यदि लिस्ट में नाम नहीं है तो अपना नाम दर्ज करवा दें। हमें कई आवेदन आए भी हैं और उन्हें लिस्ट में शामिल किया गया है।"
-सोनम चौधरी, एडीसी (ग्रामीण विकास)