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दिल्ली की चुनावी फिजा बदलने में जुटे नायब

07:51 AM Feb 02, 2025 IST
दिल्ली की चुनावी फिजा बदलने में जुटे नायब
नयी दिल्ली में शनिवार को हरियाणा के सीएम नायब सैनी सिर पर यमुना के पवित्र जल से भरे बर्तन के साथ प्रचार के दौरान।
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चंडीगढ़, 1 फरवरी (ट्रिन्यू)
हरियाणा के ‘हंसमुख’ मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी हरियाणा की तर्ज पर अब राष्ट्रीय राजधानी यानी नई दिल्ली में चुनावी फिजा बदलने में जुटे हैं। चंद महीनों में ही हरियाणा के लोगों के बीच अपनी अलग पहचान और पैठ बनाने में कामयाब रहे नायब सैनी की दिल्ली में भी डिमांड बढ़ गई है। दिल्ली में भाजपा टिकट पर चुनाव लड़ रहे नेता उन्हें अपने हलकों में प्रचार के लिए आमंत्रित कर रहे हैं। भाजपा हाईकमान ने भी हरियाणा के नेताओं पर इस बार काफी भरोसा जताया हुआ है।
नायब सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर सहित हरियाणा के अनेक नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। सीएम नायब सैनी दिनभर की बैठकों व प्रचार के बाद दिल्ली ड्यूटी में लगे भाजपा नेताओं के साथ हर शाम को नई दिल्ली स्थित हरियाणा निवास में बैठक करके फीडबैक भी ले रहे हैं। नायब सैनी की वजह से दिल्ली के चुनावों में इस बार पानी और यमुना नदी बड़ा मुद्दा बन गए हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक व दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा यमुना नदी के पानी में हरियाणा द्वारा जहर छोड़ने के आरोपों के बाद से पूरी पार्टी घिर गई है। बेशक, दिल्ली की सीएम आतिशी सहित आप के अधिकांश नेता केजरीवाल के बयान का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन नायब सैनी ने जिस मजबूती के साथ केजरीवाल पर पलटवार किया है, उसकी दिल्ली के मतदाताओं में चर्चा है। दिल्ली में लम्बे समय से हावी पानी माफिया का मुद्दा उठाकर नायब सैनी ने मतदाताओं के दर्द को उजागर कर दिया है। हरियाणा में चंद दिनों के कार्यकाल में ही नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा को उम्मीद से भी बेहतर नतीजे मिले। 2014 में पहली बार भाजपा 47 सीटों के साथ पूर्ण बहुमत से सरकार में आई थी। 2019 में भाजपा की सीटें घटकर 40 रह गईं। लेकिन इस बार नायब सैनी के ‘चुनावी चक्रव्यूह’ में कांग्रेस ऐसी फंसी की भाजपा 48 सीटों पर जा पहुंची और पॉजिटिव माहौल और सरकार के प्रति एंटी-इन्कमबेंसी के बावजूद कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई। हरियाणा के नतीजों के बाद से नायब सैनी के साथ-साथ पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर का भी केंद्रीय नेतृत्व में राजनीतिक कद बढ़ा है। इसी वजह से इस बार केंद्रीय नेतृत्व ने माइक्रो मैनेजमेंट की जिम्मेदारी हरियाणा के नेताओं पर ही छोड़ी हुई है।

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गिनवा रहे सौ दिन की उपलब्धियां

अपनी सरकार के 100 दिनों की उपलब्धियों के साथ-साथ व पूर्व के दस वर्षों में हरियाणा में हुए बदलाव को भी दिल्ली के लोगों के बीच रख रहे हैं। वे दिल्ली के मतदाताओं को यह बताने और समझाने में कामयाब होते दिख रहे हैं कि 100 दिनों में भाजपा ने अपने कई चुनावी वादों को पूरा कर दिया है। प्रदेश में बिना पर्ची-बिना खर्ची के सरकार के गठन के साथ ही 25 हजार युवाओं को नौकरी, मेडिकल कॉलेजों एवं जिला अस्पतालों में डायलिसिस की नि:शुल्क सुविधा देने, पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने सहित कई फैसलों के जरिये वे दिल्ली में पैठ बनाने में जुटे हैं।

ओबीसी वोटर पर नजर

दिल्ली चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, भाजपा नेतृत्व हरियाणा के सीएम की अधिक से अधिक रैलियां करवा रहा है। दिल्ली में लगभग 30 प्रतिशत ओबीसी वोट हैं, जो लोकसभा चुनाव में भाजपा की ओर आ गया था। हरियाणा का सीएम बनने के बाद नायब सिंह सैनी इस एरिया में भाजपा का बड़ा ओबीसी चेहरा बनकर उभरे हैं। पूरी रणनीति के तहत भाजपा ने सैनी को दिल्ली के रण में उतारा है।

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