मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

Mysterious Tree : चमत्कार या विज्ञान... सालों से हवा में लटका रहा हरियाणा का यह पेड़, दूर-दूर से आशीर्वाद लेने आते हैं लोग

07:47 PM Feb 09, 2025 IST

चंडीगढ़, 9 फरवरी

Advertisement

Mysterious Tree : भारत में ऐसी कई अजीबो-गरीब जगहें है, जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। आज हम आपको हवा में लटकते हुए पेड़ के बारे में बताएंगे। आपने दुनिया के सबसे पुराने पेड़ों, विशालकाय पेड़ों के बारे में सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी लटकते हुए पेड़ के बारे में सुना है? हरियाणा के हांसी में एक अनोखा पेड़ है, जो हवा में लटका हुआ दिखाई देता है।

जमीन से नहीं जुड़ी है जड़

समाधा मंदिर के पास स्थित इस पेड़ को देखने के लिए टूरिस्ट दूर-दूर से आते हैं। इसकी कोई भी जड़ जमीन से जुड़ी नहीं है और यह हवा में झूलता हुआ प्रतीत होता है। स्थानीय लोगों का मानना ​​है कि बाबा जगन्नाथपुरी जी महाराज ने इसी पेड़ के नीचे ध्यान लगाया था और बाद में यहीं समाधि ली थी। यही वजह है कि लोगों की इस पेड़ में गहरी आस्था जुड़ी है और वह इसकी पूजा करते हैं।

Advertisement

समाधा मंदिर का इतिहास

पौराणिक कथाओं के अनुसार, बाबा जगन्नाथपुरी जी इस पेड़ के नीचे ध्यान करते थे। 1586 ई. में जब बाबा जगन्नाथपुरी जी महाराज ने हांसी में डेरा डाला था, उस समय इस क्षेत्र में कोई हिंदू नहीं बचा था।उन्होंने इसी पेड़ के नीचे ध्यान लगाया था और बाद में यहीं समाधि ली थी।

फांसी देने के लिए होता था इस्तेमाल

स्थानीय लोगों अपनी प्रार्थना के रूप में इसके चारों ओर नोट या कलावा बांधते हैं। कुछ लोग इसे अपराधियों को मौत की सजा देने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पेड़ भी मानते हैं। चूंकि इसकी बेलों को पुराने समय में फांसी देने के लिए इस्तेमाल किया जाता था।

क्या कहते हैं वैज्ञानिक?

हालांकि वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि यह पेड़ वास्तव में एक बरगद का पेड़ है। जब बरगद के पेड़ की शाखाएं जमीन को छूती हैं तो उनमें जड़ें विकसित होती हैं जिन्हें प्रोप रूट्स कहा जाता है। ये जड़ें पेड़ की सभी शाखाओं को पानी और पोषक तत्व दोनों प्रदान करती हैं। वे इतनी मजबूत होती हैं कि अगर पुरानी शाखाएं टूट भी जाएं तो भी वे पेड़ का भार सहन कर सकती हैं। यही कारण है कि पेड़ आज भी खड़ा है।

वैज्ञानिकों ने जांच में पाया था कि पेड़ भले ही बीच से टूट गया हो लेकिन इसके बगल में एक मजबूत हिस्सा मौजूद है, जोकि जमीन से जुड़ा हुआ है। यही हिस्सा पेड़ को सहारा देता है।

Advertisement
Tags :
Adventures Places in IndiaDainik Tribune Hindi NewsDainik Tribune newsHindi NewsIndian Tourist Destinationlatest newsTourist PlaceTravelling In IndiaTravelling Placesदैनिक ट्रिब्यून न्यूजभारत की खूबसूरत जगहहिंदी न्यूज