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कीड़े के आक्रमण, गर्मी के कारण नहीं उगी सरसों, किसान परेशान

10:15 AM Nov 02, 2024 IST
कीड़े के आक्रमण  गर्मी के कारण नहीं उगी सरसों  किसान परेशान
नारनौल क्षेत्र में बिजाई के बाद नहीं उगी सरसों से खाली पड़ा खेत। -हप्र
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नारनौल, 1 नवंबर (हप्र)
क्षेत्र में किसानों के सामने सरसों की फसल के उगने से पहले ही सकंट के बादल छाने लगे हैं। जिसके कारण सरसों की फसल उग ही नहीं रही। वहीं जो फसल उगी, वह भी तेज गर्मी की वजह से खराब होने लग रही है। उगी हुई फसल में गुजिया विवल नामक कीड़े ने आक्रमण कर दिया है। जिसके कारण फसल खराब हो गई है। इस देसी भाषा में धोलिया रोग भी कहते हैं। फसल खराब होने की वजह से एक किसान को प्रति एकड़ 7 से 8 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। नवंबर की शुरुआत हो चुकी है, लेकिन इस बार सर्दी न पड़ने, रात के समय भी तापमान में आवश्यक गिरावट न होने की वजह से किसानों के सामने उनकी फसलों को लेकर मुसीबत खड़ी हो गई है। क्षेत्र का तापमान 37 डिग्री से 38 डिग्री सेल्सियस के बीच चल रहा है। हालांकि एक-दो दिन से तापमान में सुधार होने लगा है तथा यह 31 अक्तूबर को 34.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। लेकिन इस गर्म तापमान की वजह से सरसों की फसल खेतों में उगी ही नहीं। जिसके कारण किसानों को काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है। किसान रविंदर, राजकुमार, राकेश वह हरिकिशन ने बताया कि उन्होंने अपने खेतों में सरसों की फसल बोई थी, लेकिन फसल बिजाई करने के 8 से 10 दिन बाद तक फसल नहीं उगी। जिसके कारण मजबूरी में उनको दोबारा से पानी देकर फसल की दोबारा बिजाई करनी पड़ रही है। इससे किसानों को प्रति एकड़ करीब 7 से 8 हजार रुपए का नुकसान हो रहा है। जिसमें डेढ़ हजार रुपए फसल की बुवाई, 1100 बीज की थैली तथा डेढ़ हजार रुपए के करीब फसल की सिंचाई शामिल है।

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बीज पर भी सवालिया निशान

गांव रघुनाथपुरा के किसान नितेश यादव व गांव डोहर के किसान यतेंद्र यादव ने बताया कि तापमान बढ़ने के साथ-साथ एक कंपनी का बीज भी ज्यादा बोया जाता है। जिन किसानों ने उस कंपनी के बीज की बिजाई की है, वहां पर फसल उगी ही नहीं। उन्हें लगता है कि उक्त बीज में कोई कमी जरूर है। सरसों महेंद्रगढ़ में करीब ढाई लाख एकड़ में बोई जाती है।

अब पछेती फसल लेंगे किसान

सरसों बिजाई का समय 25 अक्तूबर तक ही होता है, लेकिन इस बार किसानों को दोबारा से फसल की बिजाई करनी पड़ रही है। जिसके कारण अब किसानों को पछेती फसल लेनी पड़ेगी। किसानों के अनुसार पछेती फसल में कम पैदावार होती है। इससे भी किसानों को दोहरा नुकसान होगा।
वहीं इस बारे में सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डा. हरपाल सिंह ने बताया कि लगातार पड़ रही ज्यादा गर्मी के कारण इस बार सरसों की फसल में नुकसान हुआ है।

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