Mumbai Boat Accident : लाइफ जैकेट पहन समुंदर में कूदा, 15 मिनट तक तैरता रहा...यात्री ने बताया आंखों देखा हाल
मुंबई, 18 दिसंबर (भाषा)
मुंबई नौका हादसे में जीवित बचे 45 साल के गणेश का कहना है कि जब उन्होंने स्पीड बोट जैसी नाव को नौका की ओर आते देखा, जिसके डेक पर वह खड़े थे तो उनके मन में यह विचार आया कि कुछ अप्रिय हो सकता है। बुधवार दोपहर मुंबई तट के पास नौसेना की एक स्पीड बोट के एक नौका से टकराने के बाद कम से कम 13 लोगों की मौत हो गई जबकि 99 अन्य को बचा लिया गया।
गणेश ने कहा, ‘‘नाव, जो बाद में नौसेना की नाव निकली, अरब सागर में चक्कर लगा रही थी, जबकि हमारी नौका मुंबई के पास एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल एलीफेंटा द्वीप की ओर जा रही थी। मैं दोपहर 3.30 बजे नौका पर चढ़ा था।'' मेरे दिमाग में एक पल के लिए यह विचार आया कि नौसेना की नाव हमारी नाव से टकरा सकती है और अगले कुछ सेकंड में ऐसा ही हो गया।
हादसे के वक्त वह दुर्भाग्यपूर्ण नील कमल नौका के डेक पर खड़े थे। हैदराबाद के रहने वाले गणेश इस हादसे के बाद बचाए गए 99 लोगों में शामिल हैं। नौका पर बच्चों सहित 100 से अधिक यात्री सवार थे। दुर्घटना में नाव में सवार एक नौसेना कर्मी की पैर कटने से मौत हो गई। जैसे ही नाव हमारी नौका से टकराई, समुद्र का पानी हमारे जहाज में आने लगा, जिसके बाद नाव के कप्तान ने यात्रियों से कहा कि वे लाइफ जैकेट पहनें, क्योंकि नाव पलटने वाली थी। मैंने लाइफ जैकेट ली, ऊपर गया और समुद्र में कूद गया।
उन्होंने बताया, वह 15 मिनट तक तैरते रहे। तभी उन्हें पास में ही मौजूद एक अन्य नाव ने बचा लिया और अन्य लोगों के साथ गेटवे ऑफ इंडिया ले आई। नौसेना, तटरक्षक और समुद्री पुलिस की बचाव टीम टक्कर के आधे घंटे के भीतर नौका के पास पहुंच गई थीं। ‘‘मैं बचाए गए 10 यात्रियों के पहले समूह में था।'' बेंगलुरू निवासी विनायक मथम भी इस हादसे में बचने वाले सौभाग्यशाली लोगों में शामिल रहे।
वह अपने दो सहकर्मियों के साथ इस दुर्भाग्यपूर्ण नौका पर सवार थे। पहले तो मुझे लगा कि नौसेना के क्राफ्ट कर्मी मौज-मस्ती के लिए निकले हैं, क्योंकि उनकी नाव हमारी नौका के चारों ओर चक्कर लगा रही थी। नौका में पर्याप्त लाइफ जैकेट नहीं थे। जब यात्री नौका पर चढ़े, तो उन्हें लाइफ जैकेट पहनाई जानी चाहिए थी।