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बहुभाषी विमोचन समृद्ध भाषायी और काव्य विविधता का परिचायक : नंदिता पुरी

08:53 AM Aug 12, 2024 IST
बहुभाषी विमोचन समृद्ध भाषायी और काव्य विविधता का परिचायक   नंदिता पुरी

अरुण नैथानी/ट्रिन्यू
चंडीगढ़,11 अगस्त
बहुआयामी प्रतिभा की धनी कवयित्री निशा लूथरा की पुस्तक ’उन्स के बहुभाषी विमोचन समारोह में मुख्य वक्ता पटकथा लेखक व कई पुस्तकों की रचयिता ओम पुरी फाउंडेशन की संस्थापक नंदिता पुरी ने कहा पांच भाषाओं में एक पुस्तक का विमोचन भाषायी समृद्धि व काव्य विविधता का परिचायक है। उन्होंने कविताओं में गंभीर दृष्टि और सहज अभिव्यक्ति को सराहा।
‘उन्स’ काव्यसंग्रह का बहुभाषी विमोचन समारोह चंडीगढ़ के सेक्टर 10 स्थित गर्वनमेंट म्यूजियम एंड आर्ट गैलरी के ऑडिटोरियम में तमाम प्रमुख हस्तियों की मौजूदगी में किया गया। शायद यह पहला मौका था कि जब एक पुस्तक का हिंदी के बाद फ्रेंच अंग्रेजी, पंजाबी, उर्दू व असमिया संस्करणों का विमोचन एक साथ किया गया।
कई पुस्तकों की लेखिका व मुख्य वक्ता नंदिता पुरी ने इस मौके पर कहा कि पुस्तक के पांच भाषाओं के संस्करणों के एक साथ विमोचन समारोह का हिस्सा होना मेरे लिये सुखद है। विभिन्न भाषाओं में प्रकाशन से पुस्तक की पहुंच पांच भाषाओं के पाठकों तक हो जाएगी। इसे भारत की भाषायी व काव्य विविधता का उत्सव बताया।
उल्लेखनीय है कि कवयित्री निशा लूथरा रंगमंच व फिल्म निर्देशक हैं तथा द नरेटर्स परफॉर्मिंग आर्ट्स सोसाइटी की संस्थापक-निदेशक भी हैं। विमोचन समारोह का आयोजन द ओम पुरी फाउंडेशन, मुंबई; चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी; पंजाबी लेखक सभा; हरियाणा साहित्य और संस्कृति अकादमी (उर्दू प्रकोष्ठ); द वाइज़ आउल, अभिषेक प्रकाशन तथा द नरेटर्स परफॉर्मिंग आर्ट्स सोसाइटी द्वारा संयुक्त रुप से किया गया । मूल रूप से 2022 में हिंदी में प्रकाशित ‘उन्स’ का अनुवाद अब पंजाबी, उर्दू, असमिया, अंग्रेजी और फ्रेंच भाषाओं में किया गया है।
कवयित्री निशा लूथरा ने कहा, ‘उन्स’ मेरी आत्मीय अहसासों की अभिव्यक्ति है। इसके विमोचन के बाद मुझे पंजाबी के महान कवि- लेखक स्वर्गीय सुरजीत पातर जी से प्रेरणा मिली। उन्होंने मुझे पुस्तक का पंजाबी अनुवाद शुरू करने के लिए प्रेरित किया। सुखद है कि सभी अनुवादकों ने मेरी कविताओं को एक संवेदनशील ऊंचाई और उत्कृष्टता प्रदान की। इस पुस्तक के पांच अनुवाद पूरे करने में दो वर्ष लगे।
विमोचन समारोह के दौरान पद्मश्री सुरजीत पातर को भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। उल्लेखनीय ही उन्होंने पु्स्तक के पंजाबी अनुवाद के लिए प्रस्तावना लिखी थी ।
उल्लेखनीय है कि पुस्तक का पंजाबी में डॉ. चरणजीत सिंह, उर्दू में प्रो. अनवर अंजुम, डॉ. रंजीत दत्ता ने असमिया, सोनिया चौहान ने अंग्रेजी तथा रूपम सिंह ने फ्रेंच में अनुवाद किया है । कार्यक्रम में शिरकत करने वाली जानी मानी हस्तियों में चंडीगढ़ संगीत नाटक अकादमी के चेयरमैन सुदेश शर्मा; रानी बलवीर कौर, पंजाबी लेखक सभा के प्रेसिडेंट बलकार सिद्धू; हरियाणा उर्दू साहित्य अकादमी के डायरेक्टर डॉ. चंद्र त्रिखा; द वाइज़ आउल की संस्थापक संपादक रचना सिंह और मोटिवेशनल स्पीकर विवेक अत्रे भी शामिल थे। विशिष्ट अतिथियों को द नरेटर्स परफॉर्मिंग आर्ट्स सोसाइटी, इंडिया के प्रेसिडेंट और ग्रिफ़िथ कॉलेज, आयरलैंड के डीन ऑफ़ एडमिशंस दीपक लूथरा ने सम्मानित किया। काव्यात्मक अभिव्यक्ति की इस संध्या में गायक प्रेम मूर्ति, साउंड हीलर डॉ.अर्पित जोशी, पियानोवादक अजय गुप्ता , मंच संचालक राजेश अत्रे, भूपिंदर मलिक और निकाशा लूथरा की सक्रिय भूमिका रही। विमोचन समारोह की शुरुआत निशांत के सितार वादन तबले पर दिनेश कुमार ने संगत से हुई।

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