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अम्बाला शहर मंडी को पछाड़ आवक-खरीद में मुलाना मंडी रही अव्वल

05:47 AM Nov 20, 2024 IST

जितेंद्र अग्रवाल/हप्र
अम्बाला शहर, 19 नवंबर

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इस बार क्षेत्र की सबसे बड़ी अम्बाला शहर की अनाज मंडी को पछाड़कर मुलाना अनाज मंडी धान आवक और खरीद में जिला में अव्वल नंबर पर रही।
शहर मंडी के पिछड़ने के कई गंभीर संदेश हैं जो पूरे व्यवसाय के लिए उचित नहीं माने जा रहे। हालांकि शहर मंडी में आवक पिछले वर्ष से ज्यादा रही जबकि मुलाना मंडी में काफी कम।
दरअसल अव्यवस्थाओं के बीच आखिरकार पीआर की धान का सीजन परंपरागत रूप से समाप्त हो चुका है। खरीद पोर्टल बंद किया जा चुका है। अब कुछ दिन बासमती किस्म की धान की भीनी भीनी खुशबू से मंडियां सराबोर हो रही हैं। इस बार जिला में 99671 किसान धान की फसल को लेकर जिला की 15 मंडियों व खरीद केंद्रों में पहुंचे।
इस सीजन में चरमराई उठान व्यवस्था और कबाड़े के साम्राज्य ने जहां प्रशासन के सभी दावों की पोल खोलने का काम किया वहीं प्रत्येक रविवार को खरीद बंद करने के बावजूद व्यवस्था पटरी पर नहीं आ सकी। हालत यहां तक खराब रही कि मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र की दोनों मंडियों से उठान जिले में सबसे कम हो पाई जबकि एक में आवक ज्यादा तो दूसरी मंडी में कम दर्ज की गई।
मिलरों और सरकार के बीच आए गतिरोध ने जहां प्रारंभ में सीजन के शुरू होने पर ग्रहण लगाया वहीं मिलरों की हड़ताल के चलते लिफ्टिंंग के काम पर ब्रेक लग गई थी।
यदि गत सीजन से तुलना करें तो 15 नवंबर को समाप्त हुए सीजन में गत सीजन की तुलना में औसतन आवक मामूली ज्यादा ही रही। इस बार जिला की सभी मंडियों व खरीद केंद्रों पर 593220 एमटी धान पहुंचा है जबकि पिछले साल यह 589738 एमटी था।
मिलर एसोसिएशन के प्रधान संजीव गर्ग के की माने तो खरीद और आवक में पिछड़ना अम्बाला शहर मंडी और इससे जुड़े समस्त व्यवसाय के लिए खतरे की घंटी है जिसके बारे सरकार, खरीद एजेंसियों व व्यवसाय से जुड़े सभी पक्षों को चितंन करना होगा।
कई मिलर काम छोड़ चुके हैं, यदि यही हालात रहे तो भविष्य में दिक्कत और बढ़ सकती है। पहले ही पंजाब पर पूरी तरह निर्भर इस मंडी में पंजाब की उपज नहीं आने से काफी खराब हालात हैं।
''चालू धान सीजन आम तौर से शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न हो गया है। खरीद पोर्टल मुख्यालय से ही बंद कर दिया गया था। पहले मिलरों की हड़ताल ने उठान प्रभावित किया फिर आवक में तेजी ने। शहर मंडी में किसानों को किसी प्रकार के कष्ट का सामना नहीं करना पड़ा।'' -दलेल सिंह, सचिव मार्केट कमेटी अम्बाला शहर
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