अडाणी को पछाड़ फिर सबसे अमीर भारतीय मुकेश अंबानी
मुंबई, 10 अक्तूबर (एजेंसी)
रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी अडाणी समूह के प्रमुख गौतम अडाणी को पछाड़कर सबसे अमीर भारतीय बन गए हैं। ‘360 वन वेल्थ हुरुन इंडिया’ की भारतीय अमीरों की 2023 की सूची के अनुसार, रिलायंस इंडस्ट्रीज के 66 वर्षीय प्रमुख की संपत्तियां मामूली दो प्रतिशत बढ़कर 8.08 लाख करोड़ रुपये हो गई हैं, जबकि अडाणी की संपत्ति 57 प्रतिशत घटकर 4.74 लाख करोड़ रुपये रह गई है। हुरुन के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य शोधकर्ता अनस रहमान जुनैद ने अडाणी की संपत्ति में गिरावट के लिए जनवरी में प्रकाशित हिंडनबर्ग रिपोर्ट को जिम्मेदार ठहराया है।
इस सूची में 138 शहरों के कुल 1,319 लोग शामिल हैं। टीका (वैक्सीन) बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया के साइरस पूनावाला अब भी तीसरे सबसे अमीर भारतीय बने हुए हैं। उनकी संपत्तियां 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2.78 लाख करोड़ रुपये हो गई हैं। एचसीएल टेक्नोलॉजीज के शिव नाडर चौथे स्थान पर बरकरार हैं। शीर्ष 10 में शामिल अधिकतर लोगों की रैंकिंग में सुधार हुआ है। गोपीचंद हिंदुजा अब पांचवें स्थान हैं, जबकि छठे स्थान पर दिलीप सांघवी, सातवें स्थान पर लक्ष्मी निवास मित्तल, नौवें स्थान पर कुमार मंगलम बिड़ला और दसवें स्थान पर नीरज बजाज हैं। हालांकि, डी-मार्ट के राधाकिशन दमानी की कुल संपत्तियां 18 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1.43 लाख करोड़ रुपये पर आ गईं। इससे वह तीन पायदान फिसलकर अमीरों की सूची में आठवें स्थान पर आ गए हैं। ज़ोहो की राधा वेम्बु ने फाल्गुनी नायर को पीछे छोड़ा है और वह सबसे अमीर भारतीय महिला बन गई हैं, जबकि जेप्टो की कैवल्य वोहरा इस सूची में सबसे कम उम्र की महिला हैं।
वहीं 94 साल की उम्र में प्रिसिजन वायर्स इंडिया कंपनी के महेंद्र रतिलाल मेहता ने पहली बार इस सूची में जगह बनाई। हुरुन ने कहा कि भारत में पिछले साल हर तीन सप्ताह में दो नए अरबपति जुड़े और अब अरबपतियों की संख्या 259 हो गई है। असमानताओं के बारे में चिंताओं के बीच पिछले साल 24 की तुलना में इस साल 51 लोगों की संपत्ति दोगुनी हुई है। भारत के अमीरों की सूची में 328 लोगों के साथ मुंबई शीर्ष पर रहा। इसके बाद नयी दिल्ली से 199 और बेंगलुरू से 100 लोग इसमें शामिल हैं। उद्योग जगत के दिग्गज केदारा कैपिटल के मनीष केजरीवाल 3,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ सबसे अमीर भारतीयों की सूची में शामिल होने वाले निजी इक्विटी क्षेत्र के पहले व्यक्ति बन गए हैं।