एमएसएमई : निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ी
नयी दिल्ली, 1 फरवरी (ट्रिन्यू)
सरकार ने सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के वर्गीकरण के लिए निवेश और कारोबार की सीमा बढ़ाने का फैसला किया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट पेश करते हुए कहा कि इससे एमएसएमई को अधिक दक्षता, तकनीकी उन्नयन और पूंजी तक आसान पहुंच मिलेगी।
नए वर्गीकरण के तहत सूक्ष्म उद्यम में 2.5 करोड़ रुपए तक का निवेश और 10 करोड़ रुपए तक का कारोबार होगा।
लघु उद्यम में 25 करोड़ रुपए तक का निवेश और 100 करोड़ रुपए तक का कारोबार होगा।
मझोले उद्यम में 125 करोड़ रुपए तक का निवेश और 500 करोड़ रुपए से कम का कारोबार होगा
सीतारमण ने कहा कि इस कदम से एमएसएमई को विस्तार करने और अधिक रोजगार सृजित करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में, भारत में एक करोड़ से अधिक पंजीकृत एमएसएमई, 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार दे रहे हैं और देश के कुल निर्यात में 45 प्रतिशत का योगदान कर रहे हैं।
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इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 1.5 लाख करोड़
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि बुनियादी ढांचे के विकास के लिए राज्यों को 50 साल के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में 1.5 लाख करोड़ रुपये दिए जाएंगे। संसद में शनिवार को बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि नयी परियोजनाओं में 10 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डालने के लिए वर्ष 2025-30 अवधि के लिए एक परिसंपत्ति मुद्रीकरण योजना शुरू की जाएगी। सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करते हुए शिक्षा के लिए कृत्रिम मेधा (एआई) से संबंधित उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की। उनके मुताबिक, 100 प्रतिशत कवरेज हासिल करने के लिए जल जीवन मिशन के लिए बजट परिव्यय बढ़ाया जा रहा है। सीतारमण ने कहा कि शासन, शहरी भूमि और योजना से संबंधित शहरी क्षेत्र के सुधारों को प्रोत्साहित किया जाएगा।