संसद में छाए हमारे इलाके के सांसद
अदिति टंडन/ट्रिन्यू
नयी दिल्ली, 7 अप्रैल
18वीं लोकसभा के चौथे सत्र के समापन के साथ संसद की आधिकारिक वेबसाइट पर जारी आंकड़ों से पता चलता है कि पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के अधिकतर सांसदों ने कार्य के प्रति गंभीरता दिखाई और संसदीय कार्यवाही में सक्रिय भागीदारी निभाई।
24 जून 2024 से 4 अप्रैल 2025 के बीच चार सत्रों में लोकसभा की कुल 68 बैठकें हुईं। इन सत्रों के दौरान क्षेत्रीय सांसदों की उपस्थिति का विश्लेषण करने पर कांग्रेस पार्टी के सांसद सबसे आगे नजर आए।
फतेहगढ़ साहिब से कांग्रेस सांसद अमर सिंह और अम्बाला से वरुण चौधरी ने सभी 68 बैठकों में हिस्सा लेकर 100 फीसदी उपस्थिति दर्ज की। ये दोनों सांसद 18वीं लोकसभा के शुरू से अब तक एक भी दिन गैरहाजिर नहीं रहे।
इनके बाद चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी का नाम आता है, जिन्होंने 97.05 फीसदी उपस्थिति दर्ज की और 68 में से 66 बैठकों में भाग लिया। हरियाणा से दीपेंद्र सिंह हुड्डा (रोहतक), सतपाल ब्रह्मचारी (सोनीपत) और भाजपा सांसद धर्मबीर सिंह (भिवानी-महेन्द्रगढ़) ने 95.58 फीसदी उपस्थिति दर्ज की और 65 बैठकों में हस्ताक्षर किए।
हिमाचल प्रदेश से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर (हमीरपुर) और राजीव भारद्वाज (कांगड़ा) ने भी शानदार प्रदर्शन करते हुए 94.11 फीसदी उपस्थिति दर्ज की। दोनों ने 68 में से 64 बैठकों में उपस्थिति दर्ज कराई। पंजाब के फरीदकोट से निर्दलीय सांसद सरबजीत सिंह खालसा ने सबसे कम 25 बैठकों में भाग लिया और केवल 36.76 फीसदी उपस्थिति दर्ज करवाई। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में 7 बैठकें (24 जून-3 जुलाई 2024), दूसरे सत्र में 15 बैठकें (22 जुलाई-12 अगस्त 2024), तीसरे सत्र में 20 बैठकें (25 नवंबर-20 दिसंबर 2024) और बजट सत्र में 26 बैठकें (31 जनवरी-13 फरवरी और 10 मार्च-4 अप्रैल 2025) हुईं।
सैलजा की 89 तो जेपी की 94 फीसदी भागीदारी
हरियाणा के सभी सांसदों की उपस्थिति 75 फीसदी से अधिक रही। भाजपा के नवीन जिंदल (कुरुक्षेत्र) ने भी 75 फीसदी से अधिक उपस्थिति दर्ज करवाई। कांग्रेस की कुमारी सैलजा (सिरसा) ने 61 बैठकों में भाग लिया और 89.70 फीसदी दर्ज की। कांग्रेस के जय प्रकाश (हिसार) ने 64 बैठकों में भाग लेकर 94.11 फीसदी उपस्थिति दर्ज करवाई। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत और कृष्णपाल गुर्जर की उपस्थिति का डेटा संसद वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है। नियमों के अनुसार, केंद्रीय मंत्रियों और संवैधानिक पदों पर आसीन नेताओं को उपस्थिति पंजी पर हस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीं होती। इसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हैं।
कंगना की 76 फीसदी उपस्थिति
हिमाचल प्रदेश से मंडी की सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत की उपस्थिति 76.47 फीसदी रही, जबकि शिमला से सुरेश कश्यप की उपस्थिति 79.41 फीसदी रही। कंगना ने 68 में से 52, जबकि कश्यप ने 54 बैठकों में हिस्सा लिया।
आप के मलविंदर सिंह कंग भी रहे बेहतर
आम आदमी पार्टी के पंजाब से सांसदों में मलविंदर सिंह कंग ने सबसे बेहतर प्रदर्शन किया और 64 बैठकों में भाग लेकर 94.11 फीसदी उपस्थिति दर्ज करवाई। इसके बाद गुरमीत हैयर (83.82 फीसदी, 57 बैठकें) और राज कुमार चब्बेवाल (50 फीसदी, 34 बैठकें) रहे। बठिंडा से शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने 43 बैठकों में भाग लिया और उनकी उपस्थिति 63.23 फीसदी रही।