मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

शहरी इलाकों में सांसद सैलजा निकालेंगी पदयात्रा

07:14 AM Jul 08, 2024 IST
Advertisement

चंडीगढ़, 7 जुलाई (ट्रिन्यू)
हरियाणा कांग्रेस की राजनीति आने वाले दिनों में और गरमाएगी। गुटबाजी की शिकार कांग्रेस में खींचतान और बढ़ सकती है। पूर्व सीएम व नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड्डा तथा प्रदेशाध्यक्ष उदयभान द्वारा लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही राज्य में जिलावार कार्यकर्ता सम्मेलन किए जा रहे हैं।
वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री व सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने हरियाणा के शहरी इलाकों में पदयात्रा निकालने का ऐलान किया है। भाजपा का प्रभाव शहरों में ही सबसे अधिक माना जाता है। सैलजा ने इसी सोच के साथ शहरों में पदयात्रा निकालने का निर्णय लिया है ताकि गांवों के साथ शहरों में भी कांग्रेस की पैठ बनाई जा सके। हालांकि दोनों ही गुटों के कार्यक्रम अलग-अलग ही चलेंगे।
इससे पहले जब हुड्डा द्वारा हलकावार ‘जनआक्रोश’ रैलियां की जा रही थीं, तो एसआरके ग्रुप (कुमारी सैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला व किरण चौधरी) द्वारा प्रदेशभर में कांग्रेस संदेश यात्रा निकाली गई। उस समय सैलजा की इस यात्रा पर प्रदेश प्रभारी प्रभारी दीपक बाबरिया ने सवाल उठाए थे, लेकिन फिर केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद सैलजा की यात्रा को पार्टी का अाधिकारिक कार्यक्रम घोषित कर दिया गया था। अब पूर्व मंत्री किरण चौधरी कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुकी हैं। ऐसे में एसआरके ग्रुप टूट गया है। लेकिन अब पूर्व केंद्रीय मंत्री चौ़ बीरेंद्र सिंह के एंटी हुड्डा खेमे में एक्टिव होने के आसार हैं।
बीरेंद्र सिंह के अलावा उनके पुत्र व पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने लोकसभा चुनाव के दौरान सिरसा में सैलजा के लिए प्रचार भी किया था। सूत्रों का कहना है कि पदयात्रा के जरिये सैलजा अपने विरोधियों को यह संदेश देना चाहती हैं कि सत्ता हासिल करने के लिए जो लड़ाई राज्य में चल रही है, वे भी उसकी मजबूत दावेदार हैं।
इसी महीने के आखिरी सप्ताह से पदयात्रा की शुरुआत होगी। हालांकि अभी यह तय नहीं किया गया है कि पदयात्रा किस शहर से शुरू होगी और कहां पर खत्म होगी। इसका विस्तृत कार्यक्रम अगले सप्ताह जारी हो सकता है। यात्रा की पुष्टि करते हुए कुमारी सैलजा ने कहा कि पदयात्रा के जरिये राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व विपक्ष के नेता राहुल गांधी का संदेश हर शहरी मतदाता तक पहुंचाया जाएगा। साथ ही भाजपा सरकार के 10 साल के कुशासन के बारे में लोगों को विस्तार से बताया जाएगा। पद यात्रा का मुख्य लक्ष्य कांग्रेस को शहरी विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा के मुकाबले मजबूत करते हुए निर्णायक बढ़त दिलाना है। लोकसभा चुनाव के परिणाम का अध्ययन करने पर पता चलता है कि भाजपा ने प्रदेश के जिन 44 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त बनाई, उनमें से अधिकतर शहरी हैं। विधानसभा चुनाव बिल्कुल सिर पर हैं और ऐसे में कांग्रेस को शहरी विधानसभा क्षेत्रों पर नई रणनीति के तहत फोकस करने की जरूरत है। इसलिए उन्होंने कांग्रेस को मजबूती प्रदान करने के लिए शहरी इलाकों में पदयात्रा करने का फैसला लिया है।
उन्होंने कहा कि पदयात्रा को लेकर कुछ अहम जिम्मेदारियां भी कार्यकर्ताओं को सौंपी जाएंगी। इस संदर्भ में जल्द ही कार्यकर्ताओं की बैठक होगी। सैलजा ने कहा कि राहुल गांधी ने देश के इतिहास में सबसे बड़ी यात्राएं की। आम जनमानस की लड़ाई लड़ने के लिए राहुल गांधी ने कन्याकुमारी से कश्मीर और मणिपुर से महाराष्ट्र तक की यात्रा की। देश के हर वर्ग के आदमी से बात की, उनकी पीड़ा समझी और उन तक कांग्रेस के संदेश को पहुंचाया। उनकी प्रेरणा से ही जनवरी-फरवरी महीने में प्रदेश में कांग्रेस संदेश यात्रा निकाली गई। इसका परिणाम लोकसभा चुनाव में साफ नजर आया। लोगों ने भाजपा को आधे पर समेट दिया।

नई ऊर्जा भरने की जरूरत

सैलजा ने कहा कि शहरी इलाकों में पार्टी इतनी कमजोर नहीं है, जितनी भाजपाई दिखाने की कोशिश करते हैं। कांग्रेस के पास शहरों में आज भी कार्यकर्ताओं की फौज है। इन्हें एकजुट करते हुए इनमें नई ऊर्जा भरने की जरूरत है। उन तक राहुल-खड़गे का संदेश पहुंचाने की जरूरत है। शहरी कार्यकर्ता का मनोबल बढ़ने पर कांग्रेस को तीन चौथाई बहुमत से प्रदेश की सत्ता हासिल करने से कोई नहीं रोक सकता। इसलिए इस पद यात्रा का मुख्य फोकस शहरी विधानसभा क्षेत्र रहेंगे।

Advertisement

Advertisement
Advertisement