कई वर्षों से लटका हुआ मोटर मार्केट का मुद्दा : बेदी
मोहाली, 21 नवंबर (निस)
मोहाली में कई साल पहले मोटर मार्केट के दुकानदारों को मोहाली गांव के साथ लगती जगह से उजाड़ दिया गया था और उस समय मोहाली में अलग-अलग जगहों पर वाहन और स्कूटर मैकेनिक और दुकानदारों का सर्वे किया गया था। इसके बाद उन्हें मोहाली में फेज़ 11 की बल्क मार्केट के पीछे जगह देने का भी प्रस्ताव आया। इस संबंध में गमाडा ने सर्वे में आए दुकानदारों से पैसे भी वसूले और इस कार्रवाई को सात-आठ साल हो गए हैं, लेकिन मोटर और स्कूटर मार्केट के ये दुकानदार आज भी अपनी दुकानों के लिए तरस रहे हैं।
दिलचस्प बात यह है कि गमाडा ने मोटर मार्केट के लिए बुनियादी ढांचा भी तैयार कर रखा है। सड़कें, लाइटें, दुकानों के नंबर, ट्रांसफार्मर तक लग चुके हैं पर दुकानें अलॉट नहीं की जा रहीं। इस मामले में मोहाली नगर निगम के डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने ग्रेटर मोहाली एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (गमाडा) से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी है। उन्होंने पूछा है कि सर्वे में आये दुकानदारों के लिए मोटर मार्केट में कितनी दुकानें उपलब्ध करायी गयी हैं, कितने दुकानदारों को कब्जा दिया गया है और गमाडा ने दुकानों के कितने पैसे लिए हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या मोहाली के विस्तार के साथ क्या मोहाली में एक से अधिक मोटर मार्केट बनाने का प्रस्ताव है?
डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने गमाडा से मोहाली में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने के संभावित प्रस्ताव के बारे भी पूछा है। उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ में ट्रांसपोर्ट नगर है, जिससे व्यापारी वर्ग और उद्योगपतियों को फायदा है जबकि मोहाली में ट्रांसपोर्ट के लिए अलग से कोई जगह नहीं दी गई है।
दैनिक ट्रिब्यून से विशेष बात करते हुए डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह बेदी ने कहा कि मोटर मार्केट के दुकानदारों की हालत तरस योग है। उन्होंने गमाडा के मुख्य प्रशासक से यह भी मांग की कि यह दुकानें जल्द अलॉट की जाएं।