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मस्जिद विवाद : 28 को फिर होगा प्रदेशव्यापी प्रदर्शन

07:21 AM Sep 24, 2024 IST

शिमला, 23 सितंबर (हप्र)
हिमाचल प्रदेश में चल रहे मस्जिद विवाद के बीच देवभूमि संघर्ष समिति ने फिर से बड़ा ऐलान किया है। समिति ने 28 सितंबर को इस मुद्दे पर प्रदेश भर में सभी जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने की घोषणा की है।
समिति ने ये भी कहा है कि 5 अक्तूबर को यदि नगर निगम कोर्ट से फैसला नहीं आता है तो देवभूमि संघर्ष समिति प्रदेश भर में जेल भरो आंदोलन शुरू करेगी।
देवभूमि संघर्ष समिति के संयोजक भरत भूषण ने सोमवार को शिमला में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि एक सितंबर से शुरू हुए आंदोलन में अब तक प्रदेश भर में 28 स्थानों पर प्रदर्शन हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के इतिहास में यह पहला आंदोलन है जिसका कोई एक नेता नहीं है। कोई राजनीतिक दल या संगठन इसका नेतृत्व नहीं कर रहे हैं और पहली बार समाज आंदोलन के लिए खड़ा हुआ है। उन्होंने कहा कि इन मंत्रियों ने मामले को प्रखरता से सदन में उठाया।
आज भले ही राजनीतिक मजबूरी के चलते उनके सुर बदल गए हैं लेकिन मुद्दे को विधानसभा में उन्होंने सही ढंग से उठाया जिसके लिए समिति उनका धन्यवाद करती है।
भरत भूषण ने कहा कि देश भर में भूमि जिहाद चला हुआ है। भारत की 16 प्रतिशत आबादी देश की कुल जमीन की तीसरी सबसे बड़ी मालिक है। समिति ने आरोप लगाया कि मजार, मस्जिद और कब्रिस्तान के नाम पर देश की जमीन पर अवैध रूप से अतिक्रमण किया जा रहा है। भरत भूषण ने कहा कि जिस संजौली मस्जिद से यह विवाद शुरू हुआ है, वो सरकार की जमीन पर अतिक्रमण कर बनी है।
संघर्ष समिति अतिक्रमण हटाने में सरकार की ही मदद कर रही है। संघर्ष समिति ने चिंता जताई कि हिमाचल में लगातार बांग्लादेशियों और रोहिंग्या की आबादी बढ रही है।
हालात यह है कि कोटखाई में 46 लोगों की जन्मतिथि आधार कार्ड में एक दिन की दर्शाई गई है। इसी तरह नेरचौक में 360 लोग एक ही जन्म तिथि के रह रहे हैं। भूषण ने कहा कि हिमाचल में मजार, मस्जिद, कब्रिस्तान के नाम पर भूमि अतिक्रमण का पड़यंत्र रचा जा रहा है।

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ग्राम सभाएं अवैध प्रवासियों को लेकर पारित करे प्रस्ताव

भरत भूषण ने संघर्ष समिति के माध्यम से प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों से मांग की कि वे अवैध प्रवासियों को लेकर कड़े कदम उठाए। उन्होंने कहा कि सभी पंयायतें 2 अक्तूबर को होने वाली ग्राम सभाओं में प्रस्ताव पारित करें कि अवैध लोगों का पंचायतों में प्रवेश नहीं होगा। अगर कोई सामान बेचने आता है तो उसकी पूरी वेरिफिकेशन होनी चाहिए और उसका वहां समय भी निर्धारित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि रेहड़ी फहड़ी वाले एक समुदाय के लोग गांवों में सूट या सामान बेचने के नाम पर आकर अपराधों को अंजाम दे रहे हैं और भोली भाली बहु-बेटियां को भगा रहे हैं। हिमाचल के थानों में पिछले एक साल में 300 से ज्यादा महिलाओं की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज हैं।

शिमला में 27 को एकजुटता मार्च

शिमला (हप्र) : संजौली में अवैध मस्जिद निर्माण का मामला फिर तूल पकड़ने लगा है। एक ओर जहां हिंदूवादी संगठन मस्जिद के अवैध निर्माण वाले हिस्से को जमींदोज करने की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अब नागरिक संगठनों ने 27 सितंबर को शिमला में सॉलिडरिटी मार्च के आयोजन का ऐलान किया है। मुस्लिम स्कॉलर शोएब ने पत्रकारों के साथ बातचीत में एकजुटता मार्च के आयोजन का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि शिमला मेें अकेली मस्जिद ही अवैध नहीं बनी है, शहर में 7 हजार के करीब अवैध निर्माण हैं। इसलिए बुलडोजर अकेली मस्जिद पर ही क्यों चलेगा? शोएब ने कहा कि मार्च में छह सात संगठनों के सदस्य शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि भारत एक है। लिहाजा कश्मीर व उत्तर प्रदेश से यहां आए लोगों को बाहरी कहना गलत है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी दूसरे राज्यों से लोग आकर काम करते हैं। हाल ही की घटनाओं से पर्यटन को करीब 8 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है। 24 सौ करोड़ से अधिक का रोजाना नुकसान पर्यटन को हुआ। उन्होंने कहा कि मस्जिद विवाद के बीच पत्थरबाजी की घटनाओं में शामिल लोगों को किसके दबाव में छोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि शिमला में जिस मस्जिद को लेकर विवाद है, उसके आसपास कई भवनों की ऊंचाई मस्जिद से अधिक है। शिमला में हजारों भवन अवैध हैं, तो फिर अकेले मस्जिद पर ही कार्रवाई क्यों।

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