For the best experience, open
https://m.dainiktribuneonline.com
on your mobile browser.
Advertisement

500 से अधिक मरीजों - डॉक्टरों ने किया योग

08:33 AM Feb 11, 2024 IST
500 से अधिक मरीजों   डॉक्टरों ने किया योग
चंडीगढ़ में शनिवार को पीजीआई में योग करते कर्मचारी व मरीज।
Advertisement

चंडीगढ़, 10 फरवरी (ट्रिन्यू)
समग्र स्वास्थ्य देखभाल की दिशा में अग्रणी कदम उठाते हुए पीजीआईएमईआर के एडवांस्ड कार्डियक सेंटर (एसीसी) ने सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन योग एंड नेचुरोपैथी (सीसीआरवाईएन) के सहयोग से मरीजों और देखभाल करने वालों के लिए योग सत्र शुरू किया। इससे मरीजों के हृदय और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होगा। एडवांस्ड कार्डियक सेंटर के ओपीडी कॉम्प्लेक्स में आयोजित ‘हार्मोनाइजिंग हार्ट्स: यूनाइटिंग योगा एंड कार्डियोलॉजी फॉर होलिस्टिक वेलनेस’ विषय पर आयोजित प्रभावशाली लॉन्च समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पीजीआईएमईआर के निदेशक प्रोफेसर विवेक लाल उपस्थित थे। इस अवसर पर अन्य प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्तियों में चिकित्सा अधीक्षक प्रो.विपिन कौशल, प्रो.अक्षय आनंद शामिल भी उपस्थित रहे। न्यूरोलॉजी विभाग से प्रो. हरकांत सिंह, सीटीवीएस के प्रो. राजेश विजयवर्गीय, डॉ. नीलम दहिया, डॉ. विजय ताड़िया भी मौजूद रहे।
समारोह में रेजिडेंट डॉक्टरों, नर्सिंग अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ 500 से अधिक रोगियों और देखभाल करने वालों की उपस्थिति देखी गई। सीसीआरवाईएन की टीम के नेतृत्व में सरल आसन और प्राणायाम के साथ शुरूआत हुई। मरीजों से लेकर डॉक्टरों तक सभी को एक साथ अपनी सांसें लेते हुए देखना एक अद्भुत दृश्य था। इसके बाद, पीजीआईएमईआर के निदेशक ने पूरे हॉल को संबोधित करते हुए योग के परिवर्तनकारी लाभों पर जोर दिया और कहा कि योग केवल एक शारीरिक व्यायाम नहीं है। यह मानसिक सद्भाव और समग्र कल्याण का मार्ग भी है। धमनियों में रुकावटों को दूर करने में योग की चिकित्सीय क्षमता को रेखांकित करते हुए निदेशक ने कहा कि योग हृदय को स्वास्थ रखने में एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करता है, जिसमें धमनियों में रुकावटों को दूर करने की क्षमता भी शामिल है। नियमित अभ्यास के माध्यम से, व्यक्ति बेहतर रक्त प्रवाह, कम तनाव और समग्र हृदय कार्यप्रणाली में वृद्धि का अनुभव कर सकते हैं।
प्रोफेसर लाल ने प्रतिभागियों को अपनी दैनिक दिनचर्या में संक्षिप्त योग अभ्यास को शामिल करने के लिए प्रोत्साहित किया और स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का हवाला दिया। डॉ. नीलम दहिया ने कहा कि योग से व्यक्तियों को अपने दिल और दिमाग को एक साथ विकसित करने का अधिकार मिलता है और हम इसे अपनी चिकित्सा सलाह व उपचार का एक अभिन्न अंग बनाने का इरादा रखते हैं। विभाग से प्रो. अक्षय आनंद ने भी योग के लाभों के बारे में बताया।

Advertisement

Advertisement
Advertisement