150 से ज्यादा युवाओं को मिले प्रमाण पत्र, कार्यक्रम में दिखा संस्कृति, शिक्षा और हुनर का संगम
घरौंडा, 9 अप्रैल (निस)
करनाल जिले के ऊंचा समाना गांव में बुधवार को वरित्रा फाउंडेशन ने एक भव्य प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया। इस आयोजन का उद्देश्य गांव के युवाओं और महिलाओं द्वारा पूरे किए गए कौशल विकास और शैक्षिक कार्यक्रमों को मान्यता देना था। कार्यक्रम पंचायत भवन में हुआ, जिसमें 150 से अधिक प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए गए। इस समारोह ने ग्रामीण सशक्तीकरण की दिशा में फाउंडेशन की प्रतिबद्धता को मजबूत तरीके से दर्शाया।
समारोह की मुख्य अतिथि करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता रहीं। उन्होंने कहा कि असली बदलाव हमारे गांवों में महिलाओं के सशक्तीकरण से शुरू होता है। वरित्रा फाउंडेशन का यह कदम ग्रामीण विकास के लिए मिसाल है।
उन्होंने कहा कि ऐसे कार्यक्रम शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटते हैं, जिससे समावेशी विकास को बढ़ावा मिलता है। इस अवसर पर सामाजिक कार्यकर्ता और सुषमा स्वराज पुरस्कार विजेता शांति रंगा ने भी विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण सिर्फ नारे से नहीं होगा, इसके लिए शिक्षा और कौशल निर्माण जरूरी है। वरित्रा फाउंडेशन जैसे संगठन इस दिशा में अहम भूमिका निभा रहे हैं। कार्यक्रम में सरकारी महिला महाविद्यालय (जीसीडब्ल्यू) करनाल की प्रोफेसर श्रुति विशेष अतिथि रहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा सिर्फ किताबों तक सीमित नहीं है। जब ऐसे संस्थान गांवों तक शिक्षा पहुंचाते हैं, तो असल में समाज की तस्वीर
बदलती है।
संस्थापकों ने साझा किया अपना विजन : वरित्रा फाउंडेशन की निदेशक और सह-संस्थापक आयशना कल्याण ने कहा कि आज दिया गया हर प्रमाण पत्र किसी की मेहनत की कहानी है। हम चाहते हैं कि यह ज्ञान और हुनर उन्हें भविष्य में स्थायी अवसर दिलाए। वहीं सह-संस्थापक श्री बलजीत यादव ने कहा कि हम एक ऐसा पारिस्थितिकी तंत्र बनाना चाहते हैं, जहां हर व्यक्ति को आगे बढ़ने का मौका मिले। ऊंचा समाना की यह सफलता हमारे मिशन को नयी ऊर्जा देती है।
हस्तशिल्प प्रदर्शनी और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दर्शकों को बांधा : कार्यक्रम के दौरान स्थानीय युवाओं ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। साथ ही, लाभार्थियों द्वारा बनाए गए हस्तशिल्प और अन्य उत्पादों की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसे देखकर दर्शकों ने काफी सराहना की।